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1997 से पहले के लाइसेंस पुनर्जीवित करने का विरोध

जागरण संवाददाता, नैनीताल : नगरपालिका की ओर से वेंडर चिह्नंीकरण से पहले फड़ व्यवसायियों की सूची बनाने

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 07:23 PM (IST)
1997 से पहले के लाइसेंस पुनर्जीवित करने का विरोध
1997 से पहले के लाइसेंस पुनर्जीवित करने का विरोध

जागरण संवाददाता, नैनीताल : नगरपालिका की ओर से वेंडर चिह्नंीकरण से पहले फड़ व्यवसायियों की सूची बनाने के मानकों पर विवाद खड़ा हो गया है। पालिका की ओर से 1997 से पहले के लाइसेंस पुनर्जीवित करने के प्रयासों पर रेहड़ी पटरी एसोसिएशन ने गहरी आपत्ति जताई है। व्यापार मंडल मल्लीताल ने पालिका को ज्ञापन देकर 1997 के पहले के लाइसेंस धारकों को ही सूची में शामिल करने का आग्रह किया था। इधर पालिका कर अधीक्षक की ओर से वेंडर जोन को लेकर तय बैठक दूसरे दिन भी अपरिहार्य कारणों से नहीं हो सकी।

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बुधवार को मल्लीताल पंत पार्क में हॉकर्स एसोसिएशन की बैठक हुई। जिसमें अध्यक्ष जमीर अहमद ने कहा कि जो व्यक्ति सालों से फड़ लगाकर आजीविका चला रहे हैं, पालिका उन्हें नजरअंदाज कर 1997 के लाइसेंस धारकों को मान्यता दे रही है, जबकि उक्त लाइसेंस धारक पिछले डेढ़-दो दशक से फड़ नहीं लगा रहे हैं। एसोसिएशन ने पालिका के अधिशासी अधिकारी को भेजे ज्ञापन में इन लाइसेंसधारकों की पृष्ठभूमि चेक कर यह पता लगाने को कहा है कि यह पूंजीपति हैं या गरीब। चेताया कि यदि पालिका द्वारा इन तथ्यों को नजरअंदाज किया गया तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इस दौरान छवि राम, राजेंद्र प्रसाद समेत दर्जनों फड़ व्यवसाई मौजूद थे।

उधर देवभूमि क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक केएल आर्य के नेतृत्व में दूसरे संगठन के फड़ व्यवसासियों का कलक्ट्रेट में क्रमिक अनशन जारी है। उन्होंने चेताया कि यदि बेदखल व्यवसायियों को रोजगार नहीं दिया गया तो 16 फरवरी से आमरण अनशन किया जाएगा।


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