पर्दे पर कबूतरी देख भावुक हुई बेटियां
उत्तराखंड की पहली लोकगायिका कबूतरी देवी के जीवन संघर्ष पर बनी डॉक्यूमेंट्री का हुआ लोकार्पण।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : उत्तराखंड की पहली लोकगायिका कबूतरी देवी के जीवन संघर्ष पर बनी फिल्म अपनी धुन में कबूतरी को देख उनकी बेटियां हेमंती व मंजू भावुक हो गई। अब इस फिल्म पर आधारित ऑडियो कैसेट जारी की जाएगी।
रविवार शाम को जीजीआइसी सभागार कबूतरी देवी के जीवन संघर्ष पर बनी 45 मिनट की फिल्म देखने रंगकर्मियों से खचाखच भर गया। इस दौरान फिल्म निर्देशक संजय मट्टू ने अपने संबोधन में कहा कि फिल्म निर्माण के दौरान लोकगायिका कबूतरी देवी से उन्हें लगाव हो गया था। निर्माता संजय जोशी ने कहा कि सीमित संसाधनों में बेहतरीन फिल्म बनाने की कोशिश की गई। इतिहासकार प्रो. शेखर पाठक ने फिल्म की कथावस्तु समेत कबूतरी देवी के जीवन संघर्ष के बारे में जानकारी दी, जबकि डॉ. उमा भट्ट ने फिल्म बनाने का उद्देश्य बताया। फिल्म प्रदर्शन के बाद रंगकर्मियों ने एक घंटे तक फिल्म पर चर्चा की। संचालन करते हुए रंगकर्मी जहूर आलम ने बताया कि फिल्म में कबूतरी देवी के जीवन के अनछुए पहलुओं को दिखाया गया है। फिल्म में शामिल हैं जीवन की कठिनाइयां
फिल्म में कबूतरी देवी से साक्षात्कार, बचपन व पति की मौत के बाद जीवन में आई कठिनाइयों गायकी भी शामिल है। आकाशवाणी में गाए गए गीतों की दुर्लभ रिकाडिंग भी फिल्म में है। पूरा साक्षात्कार कबूतरी देवी के गांव में भी शूट किया गया है। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. एलएस बिष्ट बटरोही, राजीव लोचन साह, डॉ. शीला रजवार, डॉ. बीना साह, बसंती पाठक, प्रदीप पाण्डे, राजा साह, नवीन बेगाना, भाष्कर बिष्ट, कैलाश जोशी, भाष्कर उप्रेती, अनूप साह, डॉ. सरस्वती खेतवाल, मुन्नी तिवारी, हेमलता तिवारी, केपी साह, महेश जोशी, कमल नेगी आदि मुख्य है।