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स्वामी विवेकानंद पर बनाई डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण, स्वामी की उत्तराखण्ड यात्रा का मिलेगा विवरण

कुमाऊं विश्विद्यालय के विवेकानंद विद्या पीठ और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग द्वारा विवेकानंद की उत्तराखंड यात्रा को लेकर तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री का बुधवार को लोकार्पण किया गया। डॉक्यूमेंट्री में स्वामी विवेकानंद की उत्तराखंड यात्रा के सभी पहलुओं को छूते हुए प्रदर्शित किया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 04:14 PM (IST)
स्वामी विवेकानंद पर बनाई डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण, स्वामी की उत्तराखण्ड यात्रा का मिलेगा विवरण
कुविवि कुलपति प्रो एनके जोशी और गढ़वाल विवि कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण किया।

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विश्विद्यालय के विवेकानंद विद्या पीठ और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग द्वारा विवेकानंद की उत्तराखंड यात्रा को लेकर सयुक्त रूप से तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री का बुधवार को लोकार्पण किया गया। 20 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में स्वामी विवेकानंद की उत्तराखंड यात्रा के सभी पहलुओं को छूते हुए प्रदर्शित किया गया है। जिससे युवाओं को प्रेरणा मिलने के साथ ही यह डॉक्यूमेंट्री प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।

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बुधवार को कुविवि के प्रशासनिक भवन में कुविवि कुलपति प्रो एनके जोशी और गढ़वाल विवि कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा संयुक्त रूप से वेबिनार के माध्यम से डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण किया। भारत सरकार के एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान को समर्पित इस डॉक्यूमेंट्री को उत्तराखंड में स्वामी विवेकानंद पर्यटन परिपथ नाम दिया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक से प्रेरणा लेकर किया गया है। इस दौरान कुविवि के कुलपति प्रो एनके जोशी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ‘मनुष्यों के निर्माण में विश्वास‘ रखते थे। इससे उनका आशय था शिक्षा के जरिए विद्यार्थियों में सनातन मूल्यों के प्रति आस्था पैदा करना। ये मूल्य एक मजबूत चरित्र वाले नागरिक और एक अच्छे मनुष्य की नींव बनते हैं। ऐसा व्यक्ति अपनी और अपने देश की मुक्ति के लिए संघर्ष करता है। उत्तराखंड सदियों से साधकों की तपस्थली रहा है। हिमालय के सुदूर अंचल में ऋषि विद्वानों को आज भी तपस्यारत देखा जा सकता है। स्वामी विवेकानंद को भी इस पहाड़ी अंचल से बेहद लगाव था। फिर चाहे वो देहरादून हो या अल्मोड़ा। उन्होंने अपने जीवन के कई दिन यहां ना केवल गुजारे, बल्कि इस जगह को अपना साधनास्थल भी बनाया। 

डॉक्यूमेंटरी फिल्म के बनने से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को विवेकानंद की यात्रा की पूरी जानकारी मिल पायेगी साथ ही पर्यटकों के बढने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो अन्नपुर्णा नौटियाल ने कहा कि दोनों विवि का संयुक्त प्रयास सराहनीय है। इससे प्रदेश के पर्यटन को नए आयाम मिलेंगे। आगे भी इस तरह के प्रयास कर प्रदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को दिखाकर पर्यटन को बढ़ाया जाएगा। अपर खाद्य आयुक्त डॉ सुचिश्मिता देश पाण्डे ने दोनों विश्वविद्यालय के कुलपतियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन एवं उनके पर्यटन पथ पर आधारित वृत्तचित्र बनाने का यह अभूतपूर्व प्रयास देश में प्रथम है। निसंदेह यह प्रयोग युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य करेगा।

विवेकानंद पीठ के सचिव एवं "एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब" के संयोजक प्रो अतुल जोशी ने प्रदेश की अन्य विभूतियों के साथ ही टैगोर और महात्मा गांधी के यहाँ आगमन को प्रदर्शित करने पर बल दिया। बहुत जल्द सामूहिक प्रयासों से गुरूदेव एवं महात्मा गांधी की उत्तराखंड यात्राओं पर आधारित डॉक्यूमेंटरी फिल्म का भी निर्माण किया जायेगा। इस अवसर पर प्रो एससी बागडी, प्रो ओपी बेलवाल, प्रो एसके गुप्ता, प्रो गिरीशरंजन तिवारी, विधान चौधरी, केके पाण्डे, मनोज पाण्डे समेत दोनों विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।


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