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नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में हर मर्ज की एक दवा लिख रहे हैं चिकित्सक

सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को साफ हिदायत दी गई है कि वह बाजार की दवा न लिखें और मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही लिखें। मगर नैनीताल में दोनों नियमों का मखौल उड़ रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 07:24 PM (IST)
नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में हर मर्ज की एक दवा लिख रहे हैं चिकित्सक
नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में हर मर्ज की एक दवा लिख रहे हैं चिकित्सक

किशोर जोशी, नैनीताल : सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को साफ हिदायत दी गई है कि वह बाजार की दवा न लिखें और मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही लिखें। मगर नैनीताल में दोनों नियमों का मखौल उड़ रहा है। यहां के बीडी पांडे अस्पताल के कुछ चिकित्सक आर्थिक फायदे के लिए पेशे को दाग लगा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मोटे कमीशन की खातिर ये चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवा लिख रहे हैं, वह भी एक खास कंपनी की। पिछले दिनों डीएम विनोद कुमार सुमन ने चिकित्सा प्रबंध समिति की बैठक में बाजार से दवा लिखने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे, मगर इन निर्देशों का चिकित्सकों पर असर होता नहीं दिखाई दे रहा है।

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रोगी पांच दवा एक

बीडी पांडे पुरुष अस्पताल में ओपीडी की पर्ची में मरीजों को बाजार से एक ही दवा मंगाई जा रही है। जागरण के पास उपलब्ध पर्चियों से साफ है कि रोगियों को एक समान दवा ही लिखी गई है। इसमें अहम तथ्य यह है कि बीमारी चाहे पेट दर्द की हो, या फिर गले में दर्द, कमजोरी, कमर दर्द हो, सबके लिए हर पर्ची में एक ही दवा तथा एक ही नंबर पर अंकित की गई है। सूत्रों के अनुसार, शहर में एक ही मेडिकल स्टोर में यह दवाएं उपलब्ध हैं। एक मेडिकल स्टोर संचालक ने गोपनीय तौर पर बीडी पांडे अस्पताल प्रबंधन को ई-मेल कर इसकी शिकायत भी की है।

मामले की जांच कराऊंगा

डॉ. राजेश साह, पीएमएस, बीडी पांडे अस्पताल, नैनीताल ने बताया कि मैं अवकाश पर हूं, बुधवार को ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद प्रकरण को देखूंगा। किस चिकित्सक द्वारा एक समान दवा लिखी जा रही है, इसकी जानकारी ली जाएगी।

जेनरिक दवाइयों के ही दिए हैं निर्देश

सीएमओ डॉ. भारती राणा का कहना है कि हर चिकित्सक को जन औषधि केंद्र से ही जेनेरिक दवा मंगाने के साफ निर्देश हैं। यदि जन औषधि केंद्र में दवा उपलब्ध नहीं है तो ही बाजार से दवा लिखनी होगी। इसके बाद भी यदि चिकित्सक महंगी दवाएं व एक समान या एक खास कंपनी की दवा लिखते पकड़े गए तो उनसे वसूली की जाएगी। विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति भी होगी।

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