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वीआइपी ट्रीटमेंट के लिए चिकित्सकों के बनेंगे अलग पद, आम लोगों को नहीं होगी परेशानी

बीडी पांडे अस्पताल के चिकित्सकों के आए दिन वीआइपी ड्यूटी में रहने से आम आदमी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 12:24 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 12:24 PM (IST)
वीआइपी ट्रीटमेंट के लिए चिकित्सकों के बनेंगे अलग पद, आम लोगों को नहीं होगी परेशानी
वीआइपी ट्रीटमेंट के लिए चिकित्सकों के बनेंगे अलग पद, आम लोगों को नहीं होगी परेशानी

नैनीताल, जेएनएन : बीडी पांडे अस्पताल के चिकित्सकों के आए दिन वीआइपी ड्यूटी में रहने से आम आदमी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इससे निपटने को वीआइपी ट्रीटमेंट के लिए चिकित्सकों के अलग पद सृजित किए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर निदेशालय को भेजने की तैयारी कर ली गई है। यही नहीं, अब बीडी पांडे अस्पताल से मरीजों को रेफर करने के लिए चिकित्सक को रजिस्टर में उसकी वजह भी लिखनी होगी। मरीजों व तीमारदारों के सुझाव व शिकायतों के लिए अलग रजिस्टर रखा जाएगा और इसकी नियमित जांच पीएमएस द्वारा की जाएगी। 

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गुरुवार को डीएम सविन बंसल ने अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आम मरीजों को कुछ डॉक्टरों द्वारा चुनिंदा प्राइवेट लैब में भेजकर अनावश्यक जांच कराकर जेब काटने की शिकायत को बेहद गंभीरता से लिया। कहा कि वह रोगी रजिस्टर की क्रॉस चेकिंग कर इसकी पड़ताल करेंगे। चुनिंदा मेडिकल स्टोर पर मरीजों को दवा लेने भेजने वाले डॉक्टरों पर भी नजर रखी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द संतुष्टिï एप लांच किया जा रहा है, जिसमें आम आदमी समस्त शिकायतें भेज सकेंगे। उन्होंने उपनल के माध्यम से सुरक्षा गार्ड समेत डाटा एंट्री ऑपरेटर, पैथोलॉजिस्ट की तैनाती का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। आपातकालीन चिकित्सक तैनाती का नया रोस्टर जारी करने, प्रत्येक माह कुत्ते के काटने की घटनाओं की रिपोर्ट उपलब्ध कराने, महिला अस्पताल में जच्चा बच्चा वार्ड में सीजेरियन व नॉर्मल डिलीवरी के लिए अलग-अलग चैंबर बनाने के निर्देश दिए। 

तीमारदारों के बैठने के लिए 15 कुर्सियां लगेंगी

डीएम ने मेडिकल व अन्य वार्ड में एसी लगाने, लेबर रूप में टाइल्स लगाने, बंद पड़े शौचालय को दुरुस्त करने समेत अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने तीमारदारों के बैठने के लिए 15 कुर्सियां लगाने, प्रवेश द्वारा पर 55 इंच की एलसीडी लगाने के निर्देश दिए। 

इंतजार करते रहे मरीज

डीएम के निरीक्षण के दौरान करीब एक घंटे तक मरीज बाहर उपचार के लिए इंतजार करते रहे। इस दौरान अस्पताल प्रशासन शौचालयों की खराब स्थिति का डीएम को पता न लेग, यह कोशिश करता रहा। 


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