diabetes ठीक हाेने के बाद अचानक से न छोड़े दवा, वरना जिंदा हो उठेगी बीमारी nainital news
वर्तमान में जिस तरीके से जीवनशैली में बदलाव हुआ है उसी तरह मधुमेह ने भी लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : वर्तमान में जिस तरीके से जीवनशैली में बदलाव हुआ है, उसी तरह मधुमेह ने भी लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। इस बीमारी को लेकर लोग इतने लापरवाह हैं कि दवा खाने से शुगर लेवल कम हुआ तो अचानक दवा छोड़ देते हैं। शहर के वरिष्ठ मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलांबर भट्ट मरीजों के इस तरह के व्यवहार को गंभीर बताते हैं। उनका कहना है, अचानक दवा छोडऩे के बजाय डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए। डॉ. भट्ट रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में उपस्थित थे। उन्होंने सुधी पाठकों को मधुमेह के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार के बारे में परामर्श दिया।
बीमारी को खुद ही दे रहे आमंत्रण
अक्सर लोग व्यायाम नहीं करते, दिनचर्या को नियमित नहीं कर पाते, खानपान का ध्यान नहीं रखते हैं। सप्ताह में पांच दिन परहेज करेंगे, लेकिन दो दिन छक कर मिठाई खा लेंगे या फिर तली-भुनी चीजों सेवन कर लेंगे। हाई कैलोरी डायट लेने से भी नहीं चूकते हैं। भोजन में लंबा गैप कर देते हैं तो कई बार जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेते हैं। यही तमाम दिक्कतें हैं, जिनकी वजह से लोग तेजी से टाइप टू मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं।
लक्षण पहचाने पर न करें अनदेखी
- भूख ज्यादा लगना
- पेशाब ज्यादा आना
- थकान महसूस होना
- वजन कम हो जाना
- आंखों की रोशनी प्रभावित होना
- बार-बार घाव हो जाना
बीमार हैं या स्वस्थ, ये बातें सभी के लिए
- व्यायाम को जीवन का हिस्सा बना लें
- प्रतिदिन 10 हजार कदम से अधिक चलें
- खानपान का विशेष ध्यान रखें
- दिनचर्या को ठीक रखें
- कैलोरी वाला भोजन कम करें
- मरीज थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं
- खाने में सलाद, फल व सब्जियां बढ़ाएं
- चावल का मांड़ निकालकार खाएं
- मोटापा कम करें
स्वस्थ रहने के लिए जानें ये बातें
- मरीज तीन माह में एचबीए1सी का जांच कराएं
- साल भर में खून, पेशाब, लीवर व आंखों की जांच कराएं
- गर्भावस्था में शुगर लेवल को लेकर अधिक ध्यान दें
दवा लेने पर हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा
डॉ. भट्ट ने परामर्श दिया कि जिन मरीजों की मधुमेह की दवा चल रही हो ऐसे मरीजों को हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा रहता है। इस स्थिति में शुगर का लेवल बहुत कम हो जाता है। ऐसा शारीरिक श्रम कम होने और खाना कम खाने से होता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऐसी तमाम दवाइयां आ गई हैं, जिनकी वजह से यह खतरा कम होने लगा है।
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