बोर्ड एग्जाम को लेकर नर्वस न हों, 100 परसेंट देने पर करें फोकस
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं। बोर्ड ने 10वीं व 12वीं बोर्ड एग्जाम के स्ट्रेस से निपटने के लिए काउंसलिंग शुरू की है।
हल्द्वानी, जेएनएन : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं। बोर्ड ने 10वीं व 12वीं बोर्ड एग्जाम के स्ट्रेस से निपटने के लिए काउंसलिंग शुरू की है। हेल्पलाइन नंबर 1800-11-8004 पर रोजाना सैकड़ों फोन आ रहे हैं। बच्चों से लेकर पैरेंट्स तक सवाल पूछ रहे हैं। पेश हैं कुछ खास सवालों पर काउंसलर के जवाब।
मेरी नहीं पिता की काउंसलिंग करें
उत्तराखंड के एक अभिभावक ने पूछा कि प्री-बोर्ड में बेटे के 69 फीसद अंक आए हैं। आप उसे समझाएं कि और स्कोर करे। 90 के नीचे कोई नहीं पूछता। पीछे से बेटे की आवाज आई, मेरी नहीं पापा की काउंसलिंग करें। ये चाहते हैं मैं हर वक्त कुर्सी से चिपका रहूं। मैंने अपना 100 परसेंट दिया है, तो 69 प्रतिशत माक्र्स आए हैं। ये मेरा बेस्ट है। काउंसलर ने अभिभावक को समझाया कि बच्चे पर प्रेशर न डालें।
कम मार्क्स आने का डर लग रहा
हरियाणा की एक बच्ची ने कॉल किया कि मेरे प्री-बोर्ड में 84 प्रतिशत अंक आए हैं, डर लग रहा है क्या करूं? काउंसलर ने पूछा-इसमें डरना क्या है? तो जवाब मिला कि मैंने प्री-बोर्ड में चीटिंग की थी, इसलिए 84 प्रतिशत आए। बोर्ड में ऐसा नहीं होगा। काउंसलर ने समझाया- मान लें कि चीटिंग नहीं की होती तो 40 प्रतिशत अंक आते। बच्ची ने कहा 69-70 प्रतिशत आ जाते। काउंसलर- फिर डरने की बात नहीं है, हर एग्जाम के गैप में आप 20 प्रतिशत इंप्रूव कर सकते हैं। चिंता छोड़, स्टडीज पर फोकस करें।
सोशल साइंस समझ नहीं आ रहा
दिल्ली के एक बच्चे ने कॉल किया कि बाकी सब्जेक्ट तो प्रिपेयर हैं। सोशल साइंस समझ नहीं आ रहा। आप इम्पॉर्टेंट सवाल बता दीजिए तो प्रिपेयर कर सकता हूं। काउंसलर ने जवाब दिया- इम्पॉर्टेंट सवाल तो मेरे पास नहीं है, लेकिन इस वक्त जब कुछ दिन ही बचे हैं तो आप पूरा सिलेबस 100 परसेंट कवर करने के पीछे टाइम वेस्ट न करें। जो टॉपिक आपको आसान लगते हैं, उनको फोकस करके सिर्फ 50 से 60 प्रतिशत सब्जेक्ट की तैयारी अच्छे से कर लें। इससे 80 नंबर तो सिक्योर हो ही जाएंगे।
शहर के प्रिंसिपल की स्टूडेंट्स को सलाह
पैरेंट्स खुद भी तैयारी में शामिल हों
मंजू जोशी, प्रधानाचार्य यूनिवर्सल स्कूल ने बताया कि पैरेंट्स को खासा सपोर्टिव होने की जरूरत होती है। बच्चों की डाइट का ध्यान रखें व ज्यादा टाइम दें। पैरेंट्स की प्रेजेंस होना बहुत जरूरी है। बच्चे के साथ खुद ही सब्जेक्ट को समझने की कोशिश करें, ताकि बच्चे को यह लगे कि आप भी उसके साथ तैयारी कर रहे हैं।
घर का माहौल अच्छा होना जरूरी
अनुराग माथुर, प्रधानाचार्य इंस्प्रेशन स्कूल ने कहा कि पैरेंट्स घर में कफ्र्यू जैसा माहौल बना देते हैं। इसे रिलेक्स करने की जरूरत है। पैरेंट्स आपस में झगड़ें नहीं, इससे बच्चों की एकाग्रता बिगड़ती है। परीक्षा के दौरान बच्चों को पार्टियों से दूर रखें। बच्चों को एक घंटा रीक्रिएशन के लिए दें।
सही शब्दों का करें चयन
प्रवींद्र रौतेला, प्रधानाचार्य सिंथिया स्कूल ने बताया कि अभिभावक इन दिनों किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर माहौल काफी निर्भर करता है। अक्सर पैरेंट्स प्री-बोर्ड एग्जाम्स का उदाहरण लेकर बच्चों को डांटते हैं। पढ़ो नहीं तो तुम्हारे वैसे ही नंबर आएंगे या फलां बच्चे से कम आएंगे। कहें कि कोशिश करेंगे तो और अच्छे माक्र्स आएंगे।
बच्चों के सामने कोई शर्त न रखें
पीएस अधिकारी, प्रधानाचार्य शिवालिक स्कूल ने कहा कि पैरेंट्स बच्चों को कम्युनिकेट करें कि वे उनको अनकंडीशनल लव करते हैं। नंबर कम आने से प्यार कम नहीं होगा। स्टूडेंट्स खुद के खानपान व हेल्थ का ध्यान रखें। बिना किसी तनाव के पढ़ाई करें। इस सोच से परीक्षा कक्ष में जाएं कि हमने बेहतर तैयारी की है, रिजल्ट भी अच्छा होगा।
यह भी पढ़ें : जमरानी बांध के लिए हैड़ाखान मंदिर और आश्रम को करना पड़ेगा शिफ्ट
यह भी पढ़ें : शेरवुड में पड़ी थी महानायक अमिताभ बच्चन के अभिनय की बुनियाद