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डीएम ने महिला अस्पताल में एसएनसीयू वार्ड का किया निरीक्षण, कब शुरू होगा नहीं बताया

महिला अस्पताल हल्द्वानी में एसएनसीयू (सिक नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) बनकर तैयार हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 12:02 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 12:02 PM (IST)
डीएम ने महिला अस्पताल में एसएनसीयू वार्ड का किया निरीक्षण, कब शुरू होगा नहीं बताया
डीएम ने महिला अस्पताल में एसएनसीयू वार्ड का किया निरीक्षण, कब शुरू होगा नहीं बताया

हल्द्वानी, जेएनएन : महिला अस्पताल हल्द्वानी में एसएनसीयू (सिक नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) बनकर तैयार हो गया है। रविवार को डीएम सविन बंसल पोलियो अभियान का शुभारंभ करने के बाद एसएनसीयू वार्ड पहुंचे और निरीक्षण किया। उन्होंने वार्ड को देखा और अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. ऊषा जंगपांगी से अन्य सभी व्यवस्थाएं दुरस्त करने को कहा। साथ ही कहा कि बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी।

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नवजात शिशुओं को एसएनसीयू में कब तक इलाज मिल सकेगा इसके बारे में फिलहाल उन्होंने कुछ नहीं बताया। जबकि अस्पताल में प्रतिमाह लगभग 400 डिलीवरी हो रही हैं। इसमें से 15 से 20 बच्चों को एसएनसीयू की तत्काल जरूरत पड़ती है। अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने पर दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है। दरअसल, डॉ. सुशीला तिवारी अस्प्ताल के कोविड अस्पताल बन जाने के बाद लोग वहां पर बच्चों को भर्ती कराने से कतरा रहे हैं। निजी अस्पतालाें में एसएनसीयू का महंगा खर्चा वहन करना संभव नहीं है।

छह महीने से चल रही है कवायद

महिला अस्पताल में एसएनसीयू बनाने की कवायद छह महीने से चल रही है। जिले से लेकर मंडल स्तर के अधिकारी कई बार निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसे शुरू नहीं किया जा सका। यहां तक कि कई बार एसटीएच के स्टाफ को इस यूनिट को चलाने के लिए भेजने की चर्चा हुई, लेकिन बाद में यह प्रक्रिया भी अधर में लटक गई।

चाहिए छह बाल रोग विशेषज्ञ, हैं तीन

एसएनसीयू को शुरू करने के लिए कम से कम छह बाल रोग विशेषज्ञ की जरूरत है। वर्तमान में अस्पताल में केवल तीन डॉक्टर ही कार्यरत हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जंगपांगी का कहना है कि यूनिट बनकर तैयार हो गया है। डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए सीएमओ से लेकर डीजी हेल्थ को पत्र लिखा गया है। जैसे ही डॉक्टर मिल जाएंगे, नवजात मरीजाें का इलाज संभव हो जाएगा।


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