वनाग्नि से बचाने के लिए आधुनिक तकनीक जरूरी
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिलाधिकारी दीपेंद्र चौंधरी ने कहा कि वनों को आग से बचाने के लिए आधुनिक तक
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिलाधिकारी दीपेंद्र चौंधरी ने कहा कि वनों को आग से बचाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाएं। पिरूल घास को नियमित रूप से हटवाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में अतिशीघ्र फायर लाइन काटने के लिए कहा। इस बार वनों को आग से बचाने के वनाग्नि प्रबंधन समिति ने 19.79 करोड़ की राशि अवमुक्त की है। डीएम ने गुरुवार को वनाग्नि प्रबंधन समिति की बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा- निर्देश वन विभाग व पुलिस अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि इस बार शीतकालीन वर्षा नही होने से वनाग्नि की संभावना अधिक बढ़ गई हैं। इस आपदा से निबटने के लिए अभी से तैयारियां करनी बेहद जरूरी हैं। जिले का एक बड़ा भूभाग वन क्षेत्र है, जिसे आग से बचाना बड़ी चुनौती है। संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी नजर रखी जाए। संवेदनशील क्षेत्रों को जल्द ही चिन्हित करें। जंगलों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आग बुझाने तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दें। साथ ही ऐसे क्षेत्र के लोगों के साथ मोबाइल या सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहें। ताकि आग से संबधित सूचनाएं समय पर मिल सके। संबंधित सभी अधिकारी ह्वाट्सएप ग्रुप बनाकर संपर्क में रहें। वन पंचायत व ग्रामीण संगठनों के साथ तालमेल बनाकर आग पर नियंत्रण पाएं।
प्रभागीय वनाधिकारी धरम सिंह मीणा ने कहा कि क्षेत्र में 238 क्रू स्टेशन स्थापित कर दिए गए है। इनके अलावा कंट्रोल फायर व फायर लाइन काटने का कार्य जारी है। अधिकारियों को त्वरित सूचनाओं के लिए 114 संचार बेस स्टेशन व 449 हैंडसेट व 35 मोबाइल वायरसेट दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वनों को आग से बचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में गोष्ठियों का आयोजन कर जन जागरूकता अभियान जारी है। साथ ही आग के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सैटेलाइट का सहारा लिया जाएगा।
बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक हरीश चंद्र सती, एसडीएम अभिषेक रुहेला व प्रमोद कुमार सौरव गौहर, प्रमोद वर्मा, डीके सिंह, प्रकाश आर्या, यूसी तिवारी, केएन भारती विजय पंत समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।