Move to Jagran APP

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के दोनों धड़ों पर महानिदेशालय की पाबंदी nainital news

एक ही मान्यता व पंजीकरण संख्या पर चल रहे डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के दोनों गुटों पर स्वास्थ्य महानिदेशालय ने पाबंदी लगा दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 11:11 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 11:11 AM (IST)
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के दोनों धड़ों पर महानिदेशालय की पाबंदी nainital news
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के दोनों धड़ों पर महानिदेशालय की पाबंदी nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : एक ही मान्यता व पंजीकरण संख्या पर चल रहे डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के दोनों गुटों पर स्वास्थ्य महानिदेशालय ने पाबंदी लगा दी है। साथ ही वैध-अवैध का फैसला लेने के लिए शासन से गुहार लगाई है। निर्णय आने तक एसोसिएशन के दोनों धड़े संगठन से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेंगे। इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती की ओर से शासन को पत्र भेजा गया है।

loksabha election banner

निर्धारित समय से अधिक वर्ष तक अस्तित्‍व में रही कार्य समिति

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड का प्रदेश अधिवेशन पांच मई 2013 को बागेश्वर में हुआ था। चुनी गई प्रदेश कार्यसमिति का दो साल का कार्यकाल चार मई 2015 को पूरा हुआ। इसके बावजूद कार्यसमिति 14 जनवरी 2018 तक अस्तित्व में रही। जिन सदस्यों ने इसका विरोध किया, उन्हें संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। डीजी हेल्थ से मांग की गई कि विभागीय पर्यवेक्षक की देखरेख में संघ का निष्पक्ष चुनाव हो।

सैकड़ों सदस्‍य मतदाताओं को चुनाव से किया गया वंचित

14 जनवरी 2018 को विभागीय पर्यवेक्षक के बिना हुए चुनाव में सैकड़ों सदस्य मतदान से वंचित कर दिए गए। इसी दिन संगठन में दूसरे धड़े ने जन्म लिया। जब मांगों आदि को लेकर दो अलग-अलग धड़ों की ओर से महानिदेशालय को पत्राचार किया जाने लगा तो सितंबर 2018 में दोनों से एक सप्ताह में अपनी वैधानिकता सिद्ध करने को कहा गया। दोनों पक्षों के अभिलेखों के आधार पर भी महानिदेशालय वैध-अवैध तय नहीं कर पाया। एक धड़े के अध्यक्ष एसपी सेमवाल व दूसरे धड़े के अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार हैं।

इसलिए लगाई गई पाबंदी

दोनों धड़ों का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। दोबारा चुनाव कराने के लिए अवकाश मांगा गया, लेकिन महानिदेशालय ने इस पर रोक लगा दी, ताकि कोई भी धड़ा अवकाश लेकर चुनाव न करा सके।

पूर्व में भी उपजा इसी तरह का विवाद

इसी तरह का एक मामला वर्ष 2015 में भी सामने आया था। एएनएम संघ में भी गुटबाजी सामने आई थी, जिसपर निर्णय देते हुए शासन ने दोनों गुटों की गतिविधियों को प्रतिबंधित कर एक साथ नए चुनाव कराने का आदेश जारी किया था।

जांच में सही पाए गए आरोप

डॉ. अमिता उप्रेती, महानिदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखंड ने बताया कि डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन मामले में समिति गठित की गई थी। समिति ने अभिलेखों की जांच की, जो सही पाए गए। संगठन को मान्यता शासन से दी गई थी। ऐसे में अब वैध-अवैध पर निर्णय लेने के लिए शासन से कहा गया है। निर्णय आने के बाद ही कोई एक पक्ष संगठन से संबंधित गतिविधि कर सकेगा।

यह भी पढ़ें : निर्धारित समय सीमा तक सोनिया, राहुल और अमित शाह ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा 

यह भी पढ़ें : काशीपुर में बच्‍चों को स्‍कूल लेकर जा रही बस सड़क किनारे तालाब में पलटी 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.