डेल्टा फैक्ट्री शुरू कराने के लिए निकाला जुलूस
डेल्टा फैक्ट्री को दोबारा चालू कराने की मांग लेकर सोमवार को श्रमिकों ने जुलूस निकाला।
By Edited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 12:06 PM (IST)
संवाद सहयोगी, रामनगर : डेल्टा फैक्ट्री को दोबारा चालू कराने की मांग लेकर सोमवार को श्रमिकों ने नगर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी की मांग की। महिलाओं ने जुलूस में सबसे अधिक भागीदारी की। बाद में एसडीएम के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। सोमवार को डेल्टा के श्रमिक शिवलालपुर चुंगी पर एकत्रित हुए। इसके बाद उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ संदेश लिखी तख्तियां लेकर जुलूस निकाला, जो नगर के विभिन्न मार्गो से होता हुआ तहसील पहुंचा। तहसील में जुलूस सभा में बदल गया। जहां वक्ताओं ने कहा कि सैकड़ों श्रमिक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। लेकिन प्रबंधन ने श्रम विभाग को बिना सूचना दिए फैक्ट्री बंद कर दी। उन्होंने श्रम कानून का उल्लघंन करने पर फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी की मांग की। कहा कि श्रम विभाग हल्द्वानी में फैक्ट्री प्रबंधन व श्रमिकों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता होनी थी, मगर फैक्ट्री प्रबंधन का कोई भी प्रतिनिधि वार्ता में नहीं पहुंचा। जनप्रतिनिधि भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। सभा के बाद एसडीएम परितोष वर्मा के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया। जुलूस में कमला कांडपाल, चंद्रा, संजय, सुनीता, लता, उमेश, सुमन, ममता, पंकज, मदन, अंकुर, वीरेंद्र सिंह, संजय कुमार, सोनू सिंह शामिल रहे। रोडवेज कर्मचारियों को दो जोड़ी मिली वर्दी हल्द्वानी : परिवहन निगम प्रबंधन के कर्मचारियों के लिए वर्दी की अनिवार्यता के आदेश के साथ ही यूनियनें विभाग की ओर से वर्दी उपलब्ध कराने की मांग उठाने लगी हैं। सोमवार को रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की ट्रैफिक शाखा काठगोदाम की बैठक में विभाग की ओर से दो जोड़ी वर्दी की धनराशि देने के साथ ही यातायात निरीक्षकों के लिए वर्दी अनिवार्य करने का मामला उठा। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों का वर्दी के लिए तब तक उत्पीड़न न किया जाए, जब तक विभाग उन्हें धनराशि उपलब्ध नही करवाता। उन्होंने एमवी एक्ट के तहत वाहनों का संचालन करने की मांग उठाई। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा की फैमिली पास में आश्रितों की उम्र की सीमा में शिथिलता बरती जानी चाहिए। पर्वतीय मार्गो पर रोडवेज बसों से होने वाले घाटे को सरकार वहन कर रही है। ऐसे में उन मार्गो पर चलने वाले परिचालकों को कम आय पर दंडित करना सरासर गलत है। निगम ने पर्वतीय मार्गो पर पिछले माह हुए घाटे का 38 करोड़ का प्रतिपूर्ति बिल सरकार को भेजा है। इसलिए ट्रांसफर किए गए परिचालकों को भी वापस बुलाया गया। यूनियन ने अनुबंधित बसों का बेड़ा खत्म करने, अनुबंधित बसों को निगम की ओर से डीजल देने की शर्त को समाप्त करने की मांग उठाई। कर्मचारियों ने अगस्त माह का वेतन नही मिलने पर रोश जताते हुए यात्री भत्ते का विरोध किया। काठगोदाम डीपो में पेयजल व शौचालय व्यवस्था दुरुस्त करने का मामला भी उठा। इस दौरान जगदीस चंद्र कांडपाल, शाखा मंत्री आन सिंह, बिशन चंद, राकेश गुसाई, प्रमोद बर्गली, हरीश चंद्र जोशी, नवीन रावत, जगदीस बिष्ट, पुष्कर मेहरा, विजय अधिकारी, संजय लाल वर्मा आदि मौजूद थें।
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