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पिता जी कैसे व्याकुल हैं हमें माता बता दीजे..

जासं हल्द्वानी रामलीला मैदान में चल रही वर्चुअल रामलीला में सोमवार को दशरथ-कैकेयी संवाद श्रीराम वनवास और राम-केवट संवाद का सुंदर मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 07:44 PM (IST)
पिता जी कैसे व्याकुल हैं हमें माता बता दीजे..
पिता जी कैसे व्याकुल हैं हमें माता बता दीजे..

जासं, हल्द्वानी : रामलीला मैदान में चल रही वर्चुअल रामलीला में सोमवार को दशरथ-कैकेयी संवाद, श्रीराम वनवास और राम-केवट संवाद का सुंदर मंचन किया गया। कोपभवन में बैठीं कैकेयी राजा दशरथ के कई बार समझाने पर भी नहीं मानी। बोलीं ना मानूं मैं तोरी बात, चाहे राजा कैसी करो। जो बनवास राम नहि जाए, कर दूंगी मैं प्राण घात।

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कैकेयी नहीं मानीं। पिता को व्याकुल देख राम कैकेयी से संवाद करते हैं- पिता जी कैसे व्याकुल हैं हमें माता बता दीजे। हुआ अपराध जो मुझसे क्षमा उसको करा दीजे। सुंदर मंडल को दर्शकों ने केबिल टीवी व फेसबुक के माध्यम से देखा। व्यास गद्दी पर विराजमान पंडित गोपाल भट्ट शास्त्री ने राम चरितमानस के श्लोकों व संवादों का संगीत के साथ गायन किया। आयोजन में विवेक कश्यप, राजेंद्र अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, योगेश शर्मा, अमित जोशी, भवानी शकर, सुशील शर्मा, मनोज राजोरिया, नीरज रावत, अतुल जायसवाल, यश गुप्ता, मधुर, विनीत अग्रवाल आदि ने सहयोग किया।

आदर्श रामलीला कमेटी कुंवरपुर गौलापार में राम वन गमन में राम-केवट संवाद का मार्मिक मंचन दिखाया गया। केवट कहता है सुनो तुम दशरथ राज दुलार, करो हमें भवसागर के पार। पहिले चरण पखार लूं, पीछे करूं सवार। रामलीला देखने दर्शकों की संख्या बढ़ने लगी है।


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