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Sarvadharma Prarthana Uttrakhand : कुमाऊं में कोविड के कारण जान गंवाने वाली इन विभूतियों को जागरण कल देगा श्रद्धांजलि

Sarvadharma Prarthana Uttrakhand कोरोना काल में कुमाऊं की तमाम हस्तियों को काल ने छीन लिया। यह महामारी उनके परिवार को ही नहीं बल्कि समाज को जीवनभर कभी न भूलने का गम दे गई। उन्हें जिस तरीके से अंतिम विदाई दी जानी चाहिए थी वह भी संभव नहीं हो सका।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 07:22 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:22 AM (IST)
Sarvadharma Prarthana Uttrakhand : कुमाऊं में कोविड के कारण जान गंवाने वाली इन विभूतियों को जागरण कल देगा श्रद्धांजलि
Sarvadharma Prarthana Uttrakhand : कुमाऊं में कोविड के कारण जान गंवाने वाली इन विभूतियों को जागरण कल देगा श्रद्धांजलि

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Sarvadharma Prarthana Uttrakhand : कोरोना काल में कुमाऊं की तमाम हस्तियों को काल ने छीन लिया। यह महामारी उनके परिवार को ही नहीं, बल्कि समाज को जीवनभर कभी न भूलने का गम दे गई। उन्हें जिस तरीके से अंतिम विदाई दी जानी चाहिए थी, वह भी संभव नहीं हो सका। दैनिक जागरण का भी यही उद्देश्य है कि कुमाऊं की इन महान लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके। इसके लिए सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है। 14 जून को पूर्वाह्न 11 बजे हम सभी मिलकर इन लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे।

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बची सिंह रावत बचदा, मृत्यु- 18 अप्रैल, 2021

उपलब्धि - उत्तराखंड की राजनीति में बची सिह रावत बचदा का अहम योगदान था। वह पांच बार सांसद रहे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की मंत्रिमंडल में केंद्रीय रक्षा और विज्ञान व प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष थे। राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

राजीव मोहन, मृत्यु - 19 जनवरी, 2021

उपलब्धि - नैनीताल में पुलिस अधीक्षक यातायात पद पर थे। वह बेहद मिलनसार प्रवृत्ति के थे। यातायात को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने कई योजनाएं तैयार की थी। पर्यटन सीजन में नैनीताल यातायात दुरुस्त करना हो गया फिर हल्द्वानी में। उस काम को बखूबी निभाते थे।

डा. दीपक गब्र्याल, मृत्यु- 13 मई, 2021

उपलब्धि- फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा के रूप में डा. दीपक गब्र्याल महिला चिकित्सालय अल्मोड़ा में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पद पर कार्यरत थे। वह बीते वर्ष लॉकडाउन के बाद से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करते रहे। डा. दीपक पर्वतीय क्षेत्र में मानवसेवा को अपना पहला कर्तव्य मानते रहे।

डा. सुचेतन साह, मृत्यु- सात मई,2021

उपलब्धि - कुमाऊं विश्वविद्यालय में सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष पद पर कार्यरत थे। 43 वर्षीय सुचेतन पुस्तकालय में तमाम बदलाव किए। उनके प्रयासों से डीएसब में बैचलर ऑफ लाइब्रेरी कोर्स शुरू हुआ था। छात्रसंघ में संयुक्त सचिव रहे साह ने पुस्तकालय को प्रकृति का रूप देने का प्रयास किया। उनके शोध पत्र व दो किताबों का प्रकाशन हुआ था।

श्रीचंद, मृत्यु- दो मई, 2021

उपलब्धि- अविभाजित उत्तर प्रदेश में 1977 में जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री रामनरेश यादव की कैबिनेट में वन एवं पर्यावरण तथा कानून मंत्री रहे। 1967 से लगातार सक्रिय राजनीति में रहे श्रीचंद ईमानदारी व साफगोई के रूप में पहचाने जाते थे। उनकी मृत्यु के कुछ दिन बाद दोनों बेटियों का भी निधन हो गया था।

हरिकिशन साह, मृत्यु -20 मई, 2021

उपलब्धि - नैनीताल निवासी सरोज वादक हरिकिशन साह गीत एवं नाटक प्रभाग से सेवानिवृत हुए थे। उन्हें वीणा महाराज नाम भी पुकारा जाता था। उन्होंने वीणा जैसे साज को विचित्र वीणा बनाकर नया नाम दिया। साहित्यकार मैथलीशरण गुप्त की पंचवटी नाटिका बनी तो उन्होंने संगीत के साथ ही बेकग्राउंड संगीत तैयार किया।

डा. अनिल पाण्डे, मृत्यु- 23 अप्रैल, 2021

उपलब्धि- एरीज के पूर्व निदेशक डा. अनिल पाण्डे ने नेपच्यून ग्रह की रिंग्स की खोज की थी। ड्वार्फ स्टार की खोज में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके कार्यकाल में नैनीताल जिले के देवस्थल में चार मीटर की लिक्विड मिरर टेलीस्कोप स्थापित की गई। सेवानिवृत्त होने के बाद भी बैंकाक में तारों से संबंधित अध्ययन कार्य किया।

डा. राजेश साह, मृत्यु- 14 दिसंबर, 2020

उपलब्धि- नैनीताल बीडी पाण्डे अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेश साह ने सेवाकाल के साथ ही रिटायरमेंट के बाद भी हजारों मरीजों का दर्द दूर दिया। बेहद मिलनसार व सादगीपसंद साह ने शहर में समाज हित में अनेक कार्य किए। चेस्ट फिजीशियन अंतिम समय वह बेस अस्पताल में कार्यरत थे।

महंत योगी सुंदरनाथ, मृत्यु- 30 अप्रैल

उपलब्धि- भारतीय सेना से अवकाश प्राप्त सुंदरनाथ महाराष्ट्र के एक अखाड़े के मठाधीश रहे। वह करीब 25 वर्ष पूर्व अल्मोड़ा में बस गए थे। उन्होंने दुगालखोला में उत्तरांचल अकादमी की स्थापना की। सामाजिक व रचनात्मक गतिविधियों में वह हमेशा सक्रिय रहे।

डा. भगवती जोशी, मृत्यु -30 अप्रैल, 2021

उपलब्धि- एसबीएस डिग्री कालेज रुद्रपुर में भूगोल विषय की विभागाध्यक्ष थी। वह नैनीताल की महिलाओं को मौसम के हिसाब से खेती करने, ग्लेशियर पीघलने की वजह पर भी शोध कर रही थी। वह अनुशासित थीं और विद्यार्थियों को भी अनुशासित रहने की शिक्षा देती थीं।

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