कॉर्बेट में भाला लेकर गश्त करेंगे दैनिक श्रमिक, कालागढ़ में दैनिक श्रमिकों का शुरू हुआ प्रशिक्षण
गश्त कर रहे कर्मचारियों पर बाघों के हमलों से चिंतित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
रामनगर, जेएनएन : गश्त कर रहे कर्मचारियों पर बाघों के हमलों से चिंतित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। अब सीटीआर में फील्ड कर्मी अपनी सुरक्षा के लिए डंडे की जगह भाला लेकर गश्त करेंगे। सोमवार को कालागढ़ स्थित वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान में कॉर्बेट के दैनिक श्रमिकों की हुई कार्यशाला में यह निर्णय लिया गया।
पूर्व में जंगल मे वन्यजीवों की सुरक्षा करते हुए गश्त के दौरान बाघ ने दैनिक श्रमिकों पर हमला कर उन्हें मार डाला। इससे फील्ड कर्मियों में भी डर व गुस्से का माहौल था। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के निर्देश पर पार्क निदेशक राहुल ने दैनिक श्रमिकों को गश्त का प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशाला आयोजित कराई। कार्यरत करीब 420 दैनिक श्रमिकों को 11 चरण में प्रशिक्षण दिया जाना है। पहले चरण में सोमवार को 40 दैनिक श्रमिकों को प्रशिक्षण दिया गया। कालागढ़ के एसडीओ आरके तिवारी ने प्रशिक्षण देते हुए फील्ड कर्मियों को जंगल में गश्त करने के दौरान खतरा भांपने व सावधानी बरतने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गश्त के दौरान खुद की सुरक्षा के लिए भी सचेत रहने की जरूरत है। दैनिक फील्ड कर्मियों ने डंडे से सुरक्षा नहीं हो पाने की बात कहते हुए उसकी जगह सुरक्षा के लिए भाला देने की बात कही। जिस पर अधिकारियों की और से सहमति जताई गई। इसके अलावा सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए मुखबिर तंत्र विकसित करने पर भी जोर दिया गया। इस दौरान कालागढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक देवेंद्र ने फील्ड कर्मियों को प्राथमिक उपचार करने की जानकारी देते हुए उनके शुगर व ब्लेड प्रेशर की भी जांच की। इस दौरान रेंजर राकेश भट्ट, निर्मल पांडे,संजय पांडे मौजूद रहे।
गश्त में बरती जाने वाली सावधानी
- जंगल में खाली हाथ गश्त न करें।
- गश्त में मोबाइल पर बात न करें।
- चुपचाप न जाकर बातचीत करते हुए गश्त करें।
- गंध आने व कॉल होने पर सचेत हो जाएं।
- अकेले न जाकर झुंड के रूप में गश्त पर जाएं।
- अंधेरा होने से पहले गश्त पूरी कर वन चौकी पहुंचे।