साइबर सेल के बाद अब साइबर ठगी पर रोक लगाने के लिए बनाया जा रहा साइबर सेफ पोर्टल
साइबर ठगी पर अंकुश लगाने के लिए अब थानों में साइबर सेफ पोर्टल बनाया जाएगा। इसके तहत फ्राड नंबरों की शिकायत मिलने पर पुलिस हाथों हाथ नंबर पोर्टल पर अपडेट कर ठगों को चिह्नित करेगी। पीएचक्यू के आदेश के बाद ऊधमसिंहनगर पुलिस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
रुद्रपुर, जेएनएन : साइबर ठगी पर अंकुश लगाने के लिए अब थानों में साइबर सेफ पोर्टल बनाया जाएगा। इसके तहत फ्राड नंबरों की शिकायत मिलने पर पुलिस हाथों हाथ नंबर पोर्टल पर अपडेट कर ठगों को चिह्नित करेगी। पीएचक्यू के आदेश के बाद ऊधमसिंहनगर पुलिस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। साइबर अपराधियों के झांसे में आकर रोजाना ही कोई न कोई अपनी पूंजी गवां रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए पूर्व में राज्य के सभी जिलों में साइबर सेल गठित की गई थी। जो आने वाले शिकायतों का निस्तारण कर ठगे रुपये वापस लौटाने का भी काम कर रही है।
कुछ लोग समय पर ठगी की सूचना पुलिस को नहीं दे पाते, जिससे उनके रुपये वापस लाना सेल के मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सूचना तत्काल पुलिस के जरिए साइबर सेल तक पहुंच सके, इसके लिए साइबर सेफ पोर्टल बनाया जा रहा है। पोर्टल में ठगी करने वाले नंबरों को अपलोड किया जाएगा। जिसके बाद इन नंबरों को साइबर एक्सपर्ट ट्रेस कर अपराधियों का पता लगाएंगे। इसके अलावा उन नंबरोे से कोई और ठगी का शिकार न हो, इसे देखते हुउ उन्हें ब्लॉक भी किया जाएगा।
10 माह में 1100 लोग हो चुके ठगी का शिकार
जिले में साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। साइबर सेल प्रभारी हिमांशु पंत के मुताबिक जनवरी से अब तक करीब 1100 लोगों से साइबर ठगी हो चुकी है। गलत साइट में जाकर खरीदारी करने, लाटरी के लालच में और अंजान कालरों को बैंक और एटीएम डिटेल्स देने से लोग ठगे जा रहे हैं। बताया कि 25 लाख से अधिक की ठगी में 17 लाख रिकवर कर लिए गए हैं।
साइबर सेफ पोर्टल भी बनाया जा रहा
यूएसनगर के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए साइबर सेल गठित है। अब पीएचक्यू के आदेश के बाद साइबर सेफ पोर्टल भी बनाया जा रहा है। ताकि ठगी करने वाले नंबरों को अपलोड कर कार्रवाई की जा सके।