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सीपीयू के कैमरे होने लगे खराब, अब कैसे करेंगे रिकॉर्डिंग, कैसे रखेंगे हिसाब

सीपीयू की तीसरी आंख कहे जाने वाले बाडी वार्म कैमरे अब दगा देने लगे हैं। काशीपुर में सीपीयू के पास कुल 14 कैमरे हैं और इनमें से अधिकांश की बैटरी खराब हो चुकी है। ऐसी स्थिति में सीपीयू को चालान करने के दौरान वीडियो बनाने में परेशानी हो रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 07:46 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 01:59 PM (IST)
सीपीयू के कैमरे होने लगे खराब, अब कैसे करेंगे रिकॉर्डिंग, कैसे रखेंगे हिसाब
सीपीयू की तीसरी आंख कहे जाने वाले बाडी वार्म कैमरे अब दगा देने लगे हैं।

काशीपुर, जेएनएन : सीपीयू की तीसरी आंख कहे जाने वाले बाडी वार्म कैमरे अब दगा देने लगे हैं। काशीपुर में सीपीयू के पास कुल 14 कैमरे हैं और इनमें से अधिकांश की बैटरी खराब हो चुकी है। ऐसी स्थिति में सीपीयू को चालान करने के दौरान वीडियो बनाने में परेशानी हो रही है। काम के बीच में ही तीसरी आंख बंद हो जाती है। जिससे कार्य बाधित होता है। कैमरों में सुधार के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक सुधार नहीं हो सका है।

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सीपीयू कर्मियों पर आए दिन आरोप लगते रहते हैं। कभी आरोप लगता है कि सीपीयू के लोग गली मोहल्लों में घुस कर चालान कर रहे हैं तो कभी आरोप लगता है कि सीपीयू वाले बिना वजह परेशान करने के लिए चालान काट रहे हैं। कई बार छुट भइया नेताओं को परेशान करने का आरोप लगता है। इस तरह के भी आरोप लगते हैं कि नियम पालन किए जाने के बाद भी जबरदस्ती कोई न कोई बहाना बनाकर चालान किया जाता है ताकि सीपीयू कर्मियों को मिला चालान करने का टारगेट पूरा हो सके।

इस तरह की स्थिति से बचने के लिए सीपीयू कर्मियों को एक कैमरा दिया गया है। सीपीयू कर्मी किसी भी वाहन को रोकते समय अपने शरीर पर यह कैमरा लगाकर रखते हैं ताकि वाहन सवार ने क्या गलती कि उसका वीडियो बनाया जा सके। समय आने पर उसे दिखाकर विवादों से बचा जा सके। नगर में इस समय 14 सीपीयू कर्मी हैं और सभी के पास कैमरे हैं। बताया जा रहा है कि अधिकांश कैमरों की बैटरी या तो खराब हो गई या फिर उसका बैकअप बहुत कम हो गया है।

कई बार सीपीयू कर्मी कैमरा आन करके छोड़ते हैं कि वीडियो बन रहा होगा, लेकिन आन करने के कुछ देर बाद ही कैमरा बंद हो जाता है। कई बार तो कैमरा आन ही नहीं होता है। एक दिन नहीं ऐसा आए दिन की बात हो गई है। अक्सर सीपीयू कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिनों कैमरों की बैटरी में सुधार के लिए उच्च अधिकारियों को लिख दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई कदम उठाया नहीं जा सका है। फिलहाल सीपीयू की तीसरी आंख बीच में ही बंद हो रही है।

प्रभारी सिटी पेट्रोलिंग यूनिट एसआइ पवन भारद्वाज ने बताया कि कुछ कैमरों की बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो रही है। जिससे परेशानी हो रही है। समस्या के निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे।

एक माह में चार बार विवाद

सीपीयू के कर्मचारियों का बीते एक माह के दौरान चार बार विवाद हो चुका है। दस अक्टूबर को रामनगर रोड पर सीपीयू कर्मियों ने एक युवक को बिना हेलमेट रोका। युवक ने हेलमेट लगाने की जगह बाइक में लगा रखा था। सीपीयू को देखकर उसने हेलमेट लगा लिया, लेकिन जब उसे रोका गया तो उसने हेलमेट नहीं पहना था। इसी को लेकर विवाद हो गया। बाद में एक नेता का फोन भी बाइक सवार को जाने देने के लिए आया, लेकिन तब तक चालान कट चुका था। इसी तरह आठ अक्टूबर को कुंडेश्वरी रोड पर एक बाइक सवार युवक सीपीयू से उलझ गया। चार अक्टूबर को मंडी रोड पर एक दुकानदार ने यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि वह रोड पर नहीं रोड के किनारे बाइक चला रहा था। 29 सितंबर को भी रामनगर रोड पर दो युवकों का सीपीयू से विवाद हो गया था। इसी तरह कई बार विवाद हो चुका है। जिन्हें देखते हुए बाडी वार्म कैमरों की बैटरी ठीक होना जरूरी माना जा रहा है। 


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