युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति पर हाई कोर्ट गंभीर
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य के युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृति पर चिंता जताने के
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य के युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृति पर चिंता जताने के साथ ही इसे रोकने के लिए सख्ती दिखाई है। न्यायालय ने वत्सल समिति की सचिव रामनगर निवासी श्वेता मासीवाल की याचिका को सुनने के बाद प्रदेश के सभी 27 सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालयों के अलावा जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, निदेशक उच्च शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के संस्थानों को नोटिस देकर नशे के रोकथाम के लिए किए गए उपायों के संबंध में जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों से नशे की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे पूछा है। पूर्व में खंडपीठ ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए याचिकाकर्ता से सभी निजी विश्वविद्यालयों, एसएसपी, एसपी व निदेशक विद्यालयी शिक्षा को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ता वत्सल नाम से गैर सरकारी संस्था चलाने वाली श्वेता मासीवाल ने हाई कोर्ट से प्रदेश में युवाओं के नशे के प्रति रुझान पर रोक लगाने की अपील की है।
याचिकाकर्ता ने हल्द्वानी व देहरादून में नशे की प्रवृति पर हुई रिसर्च के आंकड़े भी पेश किए हैं, जिसमें बताया गया है कि हल्द्वानी में 21 फीसद व देहरादून में 33 फीसद युवा किसी नशे की गिरफ्त में हैं। रिसर्च में नशा करने वाले 14 साल के किशोर से लेकर 30 साल साल तक के युवा शामिल हैं। साथ ही नैनीताल पुलिस की ओर से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का भी जिक्र किया गया है। साथ ही ऐसे अभियान अन्य जिलों में भी चलाने की जरूरत बताई है।