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World Day Against Child Labour 2021: उत्तराखंड में बाल श्रम स्कूल खोलने की राह में कोरोना का रोड़ा

World Day Against Child Labour 2021 उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में बाल श्रम स्कूल खोलने की दिशा में 2016 में प्रयास शुरू हुआ। परियोजना की मंशा बाल श्रमिकों को चिह्नित कर उन्हें बाल श्रम स्कूल में पुनर्वास के लिए भेजना है। श्रम विभाग से प्रस्ताव मांगे गए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 06:45 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 06:45 AM (IST)
World Day Against Child Labour 2021: उत्तराखंड में बाल श्रम स्कूल खोलने की राह में कोरोना का रोड़ा
2019 में एक स्वयंसेवी संस्था की ओर से किए सर्वे में नैनीताल में 350 से अधिक बाल श्रमिक मिले थे।

गणेश पांडे, हल्द्वानी : World Day Against Child Labour 2021 : आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस है। इस बार की थीम है, बच्चों को कोविड-19 महामारी से बचाना है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए जिला स्तर पर बाल श्रम स्कूल खुलने थे, लेकिन कोरोना ने राह में मुश्किलें खड़ी कर दी।

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भारत सरकार की राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (एनसीएलपी) के तहत उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में बाल श्रम स्कूल खोलने की दिशा में 2016 में प्रयास शुरू हुआ। परियोजना की मंशा बाल श्रमिकों को चिह्नित कर उन्हें बाल श्रम स्कूल में पुनर्वास के लिए भेजना है। श्रम विभाग से प्रस्ताव मांगे गए। लंबी कवायद के बाद विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर शासन के माध्यम से भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा। कोरोना के चलते पिछले डेढ़ साल से यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। हल्द्वानी समेत कुमाऊं के अन्य शहरों में बाल व किशोर खतरनाक और गैर खतरनाक व्यवसायों में काम करते दिख जाते हैं। 2019 में एक स्वयंसेवी संस्था की ओर से किए सर्वे में नैनीताल जिले में 350 से अधिक बाल श्रमिक मिले थे। हालांकि विभागीय रिकॉर्ड में बाल श्रमिक कम हुए हैं।

उत्तराखंड में बाल श्रमिकों की संख्या

जिला             2016    2021

नैनीताल        5          10

ऊधमसिंहनगर 53       12

देहरादून         19        06

चमोली          4           00

हरिद्वार        9           01

पौड़ी             17          00

टिहरी           00          01

कुल             107        30

(नोट: आंकड़े श्रम विभाग के मुताबिक)

बाल श्रम पर एक माह की सजा

बाल श्रम प्रतिबंध एवं विनियमन अधिनियम 1986 के अनुसार किसी भी प्रतिष्ठान में 14 साल से कम उम्र के बच्चों के जोखिम वाले कामों में लिप्त पाए जाने पर प्रतिष्ठान के मालिक व संबंधित व्यक्ति को एक माह की सजा व एक हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

यूपी में विशेष स्कूल संचालित

परिवार की विषम हालात में काम करने के लिए मजबूर आठ से 18 साल के बच्चों के लिए यूपी सरकार ने पिछले साल बाल श्रमिक विद्यालय योजना की शुरुआत की। पहले चरण में 57 जिलों के दो हजार बच्चे लाभ ले रहे हैं। ऐसे बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाना प्रस्तावित है।

उप श्रमायुक्त कुमाऊं विपिन कुमार ने बताया कि एनसीएलपी के तहत कलस्टर स्तर पर बाल श्रम स्कूल खोले जाने हैं। इसका प्रस्ताव भारत सरकार को गया है। कोविड के चलते केंद्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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