सुशीला तिवारी अस्पताल के अंदर 36 और बाहर 35 सुरक्षागार्ड फिर भी फरार हो रहे कोरोना मरीज
सुशीला तिवारी अस्पताल में व्यवस्थाएं बनने की बजाय बिगड़ती जा रही है। बुधवार शाम बंदियों के वार्ड में शौचालय की खिड़की में ग्रिल न होना सीधा लापरवाही को उजागर करता है।
हल्द्वानी, गोविंद बिष्ट : सुशीला तिवारी अस्पताल में व्यवस्थाएं बनने की बजाय बिगड़ती जा रही है। बुधवार शाम बंदियों के वार्ड में शौचालय की खिड़की में ग्रिल न होना सीधा लापरवाही को उजागर करता है। गनीमत रही कि पुलिस ने तीनों को घेरकर पकड़ लिया। वहीं, सुरक्षा को लेकर बात करें तो एसटीएच के पास अपने 36 सुरक्षा गार्ड हैं। जिनकी ड्यूटी अस्पताल के अंदर से लेकर प्रवेश द्वार पर रहती है। जबकि पुलिस, आइआरबी, पीएसी व एसडीआरएफ मिलाकर करीब 35 लोग बाहर के एरिया में अलग-अलग प्वाइंटों पर तैनात हैं। जिसमें महिलाकर्मी भी शामिल है। उसके बावजूद 26 मार्च से अब तक 11 मामले सामने आ चुके हैं। जिससे सुरक्षा सिस्टम पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।
एसटीएच कुमाऊं का सबसे बड़ा और कोविड अस्पताल है। कोविड वार्डों में हर समय ताला रहता है। खाना देने और चिकित्सकों के राउंड पर पहुंचने पर ही इन्हें खोला जाता है। मगर कभी सफाई, कभी डॉक्टर के आने पर तो कभी बेड की चादर बदलने के दौरान मौका मिलते ही लोग भाग निकलते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि उसकी ड्यूटी बाहरी प्वाइंट पर है। अंदर व्यवस्था बनाने का काम एसटीएच प्रशासन का है। वार्ड के पास जवान इमरजेंसी कॉल पर ही जाता है। दूसरी तरफ एसटीएच प्रशासन के लिए आंतरिक निगरानी रखना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में प्रशासन के बड़े अफसरों को हस्तक्षेप कर कोई व्यवस्था बनानी चाहिए।
अब तक हुई लापरवाही
- 11 अगस्त को तीन बंदी वार्ड से भागे।
- छह अगस्त को एसटीएच से पॉजिटिव महिला लापता।
- पांच अगस्त को रामनगर का बुजुर्ग वार्ड से गायब हुआ।
- 29 जुलाई को एक रोगी ने भागने की कोशिश की।
- 28 जुलाई को भी एक रोगी ने वार्ड से निकलना चाहा।
- चार जुलाई को हत्या का आरोपित फरार हो गया।
- आठ मई को जांच के लिए आया संदिग्ध गायब हो गया।
- 26 अप्रैल को तस्करी का आरोपित रस्सी काट गायब हुआ।
- आठ अप्रैल को कोरोना संदिग्ध भागकर भीमताल पहुंच गया।
- 26 मार्च को कोरोना संदिग्ध नेपाली युवक भाग निकला था।
इमरजेंसी में आएगी एसडीआरफ
पुलिस के मुताबिक एसडीआरएफ के जवान डॉक्टरों के कॉल पर वार्ड में जाएंगे। यानी वार्ड में हंगामा या इमरजेंसी की स्थिति में ही वो एंट्री करेंगे। एसडीआरएफ के जवानों को पीपीई किट भी मुहैया करवाई गई है। वहीं सीओ शांतनु पराशर ने कहा कि अस्पताल की खिड़की में ग्रिल नहीं होने के कारण तीनों बंदी फरार हुए। जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। सुरक्षा को लेकर अब पुलिस प्रवेश व बाहर जाने वाले रास्तों पर एसटीएच के सुरक्षाकर्मियों संग सामंजस्य बनाकर काम करेगी।