Coronavirus Lockdown : भारत-चीन सीमा पर चौकसी के कारण नेपाल में कोरोना संक्रमण नियंत्रित
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित चीन और फिर भारत के बीच हिमालय की गोद में बसा नेपाल कोविड-19 को कड़ी चुनौती दे रहा है।
हल्द्वानी, अभिषेक राज : कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित चीन और फिर भारत के बीच हिमालय की गोद में बसा नेपाल कोविड-19 को कड़ी चुनौती दे रहा है। इसमें बॉर्डर पर सख्ती और लॉकडाउन में सशस्त्र बल की चौकसी की भूमिका अहम रही है। रविवार रात आठ बजे की रिपोर्ट पर गौर करें तो पूरे नेपाल में 299 संक्रमित मिले हैं। इनमें अब तक दो की मौत हुई है। 36 संक्रमित स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। सर्वाधिक संक्रमित उत्तर प्रदेश से लगते सीमावर्ती जिले के हैं। उत्तराखंड सीमा से जुड़े जिलों में संक्रमण की स्थिति बेहद कम है।
हर एक किलोमीटर पर अस्थायी चौकी
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए नेपाल ने भारत सीमा पर चौकसी बढ़ाई। सीमा पर लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगाने के लिए प्रति एक किलोमीटर पर अस्थायी चौकियों का निर्माण कराया। यहां नेपाल प्रहरी दल के जवान तैनात किए।
पगडंडियों पर भी पहरा
भारत से लगती नेपाल की खुली सीमा पर एसएसबी के साथ ही नेपाल सशस्त्र बल के जवान संयुक्त रूप से गश्त करते हैं, लेकिन पगडंडियों और चोर रास्तों से आवाजाही होती रहती है। इस पर रोक लगाने के लिए नेपाल ने पगडंडी रास्तों से आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाई।
विरोध-प्रदर्शन के बाद भी नहीं डिगा
नेपाल ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से लगती सीमा पर भी सख्ती दिखाई। सभी झूला पुल सील कर दिए। इस बीच नेपाल के साथ ही पिथौरागढ़ में भी नेपाली नागरिकों ने बॉर्डर खोलने के लिए प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार नहीं झुंकी। दोनों देशों के गृह मंत्रालय ने आपसी सहमति से ही बॉर्डर खोला। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के सोनौली बॉर्डर पर भी नेपाल सरकार ने सख्ती दिखाई।
16 मई : पहली संक्रमित की मौत
नेपाल में कोरोना संक्रमण से पहली मौत 16 मई को एक महिला की हुई। राजधानी से सटे सिन्धुपाल्चोक जिले की 29 वर्षीय महिला पॉजिटिव मिली थी। इलाज के बाद सेहत में सुधार नहीं हुआ। 16 मई को उसने दम तोड़ दिया
17 मई : भारत से लौटे दूसरे संक्रमित की मौत
रविवार को नेपाल में कोरोना से दूसरी मौत हुई। वह बुधवार को ही मुंबई से बुटवल स्थित अपने घर लौटा था। नेपाल में फिलहाल कुल संक्रमितों की संख्या 299 है। जिनमें दो की मौत हो चुकी है और 36 लोग स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिले
जिले संक्रमितों की संख्या
पर्सा 19
कपिलवस्तु 42
बांके 33
उदयपुर 33
रुपन्देही 28
रौतहट 13
काठमांडू 09
धनुषा 05
कैलाली 04
बारा 03
चितवन 03
दांग 03
(नोट :: नेपाल स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार)
संबंधित जिले में बरत हे चौकसी
समीर कुमार अधिकारी, उप प्रवक्ता, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पश्चिम नेपाल के कपिलवस्तु और रुपन्देही एवं नवलपरासी जिले संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील हैं। बॉर्डर के साथ ही हम संबंधित जिले में भी चौकसी बरत रहे हैं। बता दें कि 1414 किमी चीन से लगती नेपाल सीमा और 1690 : किमी भारत से लगती नेपाल की सीमा। 805 किमी उत्तराखंड से लगती नेपाल की सीमा जुड़ती है।
नेपाल सीमा पर फिर लगा प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा
देश के विभिन्न राज्यों से नेपाली मजदूर भी लौटने लगे हैं। ये सभी पिथौरागढ़ जिले की सीमा से नेपाल पहुंचेंगे, लेकिन नेपाल ने अपनी सीमा सील की अवधि 30 मई तक बढ़ाने का प्रस्ताव मंत्रीमंडल में दिया है। ऐसी स्थिति में इन नेपाली मजदूरों को भारत में ही रहना होगा। इससे पूर्व भारत में फंसे नेपाली नागरिकों के लिए प्रशासन ने झूलाघाट, धारचूला, बलुवाकोट में राहत केंद्र संचालित किया था। उच्चस्तरीय प्रयासों के बाद नेपाल ने अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए सीमा खोली थी।
करीब 300 नेपाली पिथौरागढ़ पहुंचे
पिथौरागढ़ प्रशासन को एक बार फिर नेपाली नागरिकों के लिए व्यवस्था करनी होगी। एंचोली चेक पोस्ट के नोडल अधिकारी संजीव पौरी ने बताया कि शनिवार को दिल्ली, पीलीभीत, आगरा, बरेली, शिमला, गांधीनगर, जामनगर, चंडीगढ़ आदि शहरों से करीब 300 नेपाली पिथौरागढ़ पहुंचे हैं। भारत में मिली छूट से यह संख्या बढ़कर करीब दो हजार तक पहुंचने का अनुमान है। पौरी ने बताया कि रविवार देर शाम तक राजस्थान, गुरु ग्राम से भी 50 नेपाली पहुंचे। सोमवार को अहमदाबाद से करीब 500 और नेपालियों के पहुंचने की संभावना है।
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