रावत के लिए रुद्राक्ष व पत्नी मधुलिका की याद में लगाया चंदन, हेलीकाप्टर हादसे के शहीदों की याद में बनायी कुन्नूर वाटिका
हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत पत्नी मधुलिका रावत के अलावा 11 अन्य सैन्य अफसरों की जान गई थी। सीडीएस मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी निवासी थे। हादसे में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों की याद में वन अनुसंधान ने अब कुन्नूर वाटिका को तैयार किया है।
हल्द्वानी से गोविंद बिष्ट। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के शौर्य की याद हल्द्वानी की वाटिका भी दिलाएगी। जनरल की पत्नी मधुलिका के अलावा कुन्नूर हादसे में जान गंवाने वाले 11 अन्य सैन्य अफसरों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तराखंड वन अनुसंधान ने रामपुर रोड स्थित मुख्यालय के परिसर में कुन्नूर वाटिका तैयार की है। इसे गलवन और पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की याद में बनाई वाटिका के पास ही तैयार किया गया है। जनरल रावत की याद में रुद्राक्ष और उनकी पत्नी मधुलिका के नाम पर चंदन का पेड़ लगाया गया है। इन दोनों प्रजातियों का धार्मिक महत्व भी है।
पुलवामा और गलवन की घटना में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए वन अनुसंधान ने वानिकी प्रशिक्षण अकादमी स्थित परिसर में अलग-अलग वाटिका बनाई थी। हर शहीद के नाम पर अलग-अलग पौधा लगाया गया था। केंद्र प्रभारी मदन बिष्ट की देखरेख में इन पौधों का संरक्षण किया गया है। वहीं, बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका रावत के अलावा 11 अन्य सैन्य अफसरों की जान गई थी। सीडीएस मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी निवासी थे। हादसे में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों की याद में वन अनुसंधान ने अब कुन्नूर वाटिका को तैयार किया है।
इन प्रजातियों के लगाए गए हैं पौधे
सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने के लिए रुद्राक्ष और उनकी पत्नी के नाम पर चंदन का पौधा लगाया गया है। वहीं, 11 अन्य लोगों की याद में बेल पत्थरी, आंवला, कदम, नीम, बहेड़ा, हरड़, तेजपत्ता, चिरौंजी, गमहर, बीजासाल और श्यूनक को लगाया गया है।
वन अनुंधान केंद्र प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि पुलवामा और गलवन वाटिका की तर्ज पर कुन्नूर वाटिका का निर्माण किया गया है। बोर्ड के जरिये पूरी जानकारी दी जाएगी। वाटिका का उद्देश्य लोगों को वीर जवानों और सेना के शौर्य की याद दिलाना है।