सेमेस्टर एग्जाम को लेकर एमबीपीजी के शिक्षक और छात्रों में विरोधाभास nainital news
सेमेस्टर सिस्टम की पहेली अब तक नहीं सुलझ सकी है। शासनादेश जारी होने के बावजूद सेमेस्टर सिस्टम खत्म किए जाने पर कुमाऊं विवि कोई फैसला नहीं ले सका है।
हल्द्वानी, जेएनएन : सेमेस्टर सिस्टम की पहेली अब तक नहीं सुलझ सकी है। शासनादेश जारी होने के बावजूद सेमेस्टर सिस्टम खत्म किए जाने पर कुमाऊं विवि कोई फैसला नहीं ले सका है। इधर, सेमेस्टर को लेकर एमबीपीजी कॉलेज के शिक्षक व छात्रों में विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है। जहां शिक्षक सेमेस्टर लागू रखने के पक्ष में हैं वहीं, छात्र सेमेस्टर बिलकुल नहीं चाहते।
कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में सोमवार को परीक्षा कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है। जिसमें कुलपति की अगुवाई में सेमेस्टर सिस्टम पर महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। पूर्व में कुमाऊं विवि की ओर से सेमेस्टर हटाने या जारी रखने को लेकर सभी डिग्री कॉलेजों के छात्रों व शिक्षकों से सुझाव मांगे गए थे। विवि के पास अब तक अधिकांश कॉलेजों के सुझाव पहुंच चुके हैं। इधर, एमबीपीजी कॉलेज में बीते दिनों हुई बैठक में शिक्षकों ने सेमेस्टर सिस्टम जारी रखने की वकालत की थी। इस सुझाव की एक कॉपी कुमाऊं विश्वविद्यालय को भेजी गई थी। शिक्षकों की मानें तो सेमेस्टर से शिक्षा में काफी सुधार आया है। बीच-बीच में होने वाले इंटरनल असाइमेंट के अंक जुड़कर प्रसेंटेज बढ़ाने में अहम रहते हैं। जबकि, छात्रसंघ व छात्रनेताओं की मानें तो सेमेस्टर सिस्टम में साल भर परीक्षाएं होती रहती है। जिसके कारण कक्षाएं नियमित संचालित नहीं हो पाती है। बीते शनिवार को कॉलेज प्रशासन के साथ हुई बैठक में छात्रों ने सेमेस्टर सिस्टम खत्म किए जाने को लेकर विवि को अपना सुझाव भेजा है।
कुलपति प्रो. केएस राणा ने बताया कि सोमवार को परीक्षा कमेटी की बैठक बुलाई है। जिसमें सेमेस्टर को लेकर फैसला लिया जाएगा। डॉ. बीना खंडूड़ी, प्राचार्य एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी ने कहा कि सेमेस्टर को लेकर छात्रों व शिक्षकों के सुझाव विश्वविद्यालय को भेज दिए गए हैं। शिक्षकों ने सेमेस्टर सिस्टम के पक्ष में सुझाव दिया है। जबकि, छात्रों ने इसे हटाने का सुझाव दिया है।
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