सरकार की मुद्रा योजना बैंको पर पड़ रही भारी, नहीं लौटा रहे हैं उपभोक्ता ऋण
सरकार की मुद्रा योजना बैंकों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। इस योजना के तहत दिए गए ऋण की वसूली में बैंकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : सरकार की मुद्रा योजना बैंकों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। इस योजना के तहत दिए गए ऋण की वसूली में बैंकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर शहर के लीड बैंक की बात करें तो बैंक ऑफ बड़ौदा से अभी तक करीब 83 लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है। इन लोगों को इस योजना के अंतर्गत बैंक द्वारा लगभग एक करोड़ दस लाख रुपए का ऋण दिया गया है। अगर ऋण लिए गए खाताधारकों की डिटेल को देखा जाए तो 83 में से 22 खाते एनपीए की श्रेणी में आ गए है। इन एनपीए खातों को मिला कर कुल लगभग 22 लाख रुपए का बकाया है।
वहीं ऐसा ही कुछ हाल काठगोदाम स्थित पीएनबी की शाखा का है। यहा कुल सात लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है, लेकिन लाभ लेने के बाद लोगों ने बैंक द्वारा दिए गए ऋण को जमा करना जरुरी नहीं समझा। जिस कारण इन खातों में कुल तीन लाख 44 हजार का एनपीए है।
एनपीए होने का कारण
विभागीय सूत्रों के अनुसार ऋण की वसूली के लिए किसी भी प्रकार का ठोस नीति नहीं होने के कारण ये दिक्कत आ रही है। लोग ऋण तो ले रहे है लेकिन सही समय से जमा नहीं कर रहे हैं, वहीं बिजनेस लोन होने के कारण लोग इस पैसों से काम तो चालू कर रहे है, लेकिन जब किस्त जमा करने की बारी आ रही है तो बिजनेस में घटा हो जाने का हवाला देते है।
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