दस साल से अधिक का समय गुजरा पर जौरासी गांव में पूरा नहीं हो सका आंगनबाड़ी भवन का निर्माण
प्रदेश में सरकारी योजनाएं सरकारी धन को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। आलम यह है कि मुनाफे के फेर व बजट की बाजीगरी के चक्कर में नौनिहालों तक को आज तक अपनी छत नसीब नहीं हो सकी।
गरमपानी, जेएनएन : प्रदेश में सरकारी योजनाएं सरकारी धन को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। आलम यह है कि मुनाफे के फेर व बजट की बाजीगरी के चक्कर में नौनिहालों तक को आज तक अपनी छत नसीब नहीं हो सकी। गांवों के अंतिम छोर तक विकास योजनाएं क्रियान्वित कराने का डंका पीटने वाली सरकार की योजनाओं की हकीकत धरातल में खोखली साबित हो रही है। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे जौरासी गांव में दस वर्ष से ज्यादा समय बीतने के बावजूद आंगनबाड़ी भवन का निर्माण आज तक पूरा ही नहीं हो पाया।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित जौरासी(रामगढ़ ब्लॉक) क्षेत्र में करीब दस वर्ष पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण के लिए लाखों रुपये का बजट स्वीकृत हुआ।मकसद था कि नौनिहालों को अपनी छत नसीब होगी। बेहतर बुनियादी शिक्षा अपनी छत के नीचे दिलाई जा सकेगी पर हुआ इसके बिल्कुल उलट। बजट की बाजीगरी से आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण ही पूरा नहीं हो सका बल्कि धरातल की स्थिति आंगनबाड़ी केंद्र की हकीकत बयां कर रही है। बदहाली में अब केंद्र जंगली जानवरों का अड्डा बन चुका है।
केंद्र की छत मवेशियों के लिए घास के लुट्टे रखने के काम आ रही है। वहीं आधा अधूरा शौचालय नीति निर्माताओं की नियत पर सवाल उठा रहा है। स्थानीय पान सिंह का आरोप है की दो ग्राम प्रधान बदल जाने के बावजूद आज तक आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण पूरा नहीं हो सका। मजबूरी में करीब तेरह नौनिहालों को स्थानीय प्राइमरी स्कूल या फिर बरातघर में शिक्षा लेनी पड़ रही है। व्यवस्था से नाराज ग्रामीणों का पारा सातवें आसमान पर है।
आंगनवाड़ी की सुपरवाइजर कुसुम बोरा ने बताया कि दस वर्ष पूर्व बजट स्वीकृत हुआ था। पर आज भी आंगनबाड़ी केंद्र अधूरा है। बजट समाज कल्याण विभाग से स्वीकृत हुआ। भवन हमें हस्तांतरित नहीं हुआ है। जौरासी के ग्राम प्रधान मदन सिंह मेहरा ने बताया कि पूर्व ग्राम प्रधान ने बताया कि पैसा अभी रुका हुआ है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण पूरा क्यों नहीं हुआ यह गंभीर मामला है। मामले में जिन लोगों की भूमिका संदिग्ध है उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।