हार से मायूस, सरकार के खिलाफ संघर्ष को तैयार हैं कांग्रेसी
लोकसभा चुनाव में करारी हार से कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस हों लेकिन भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष को तैयार है।
जासं, नैनीताल : लोकसभा चुनाव में करारी हार से भले ही कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस हों, लेकिन भाजपा सरकार के जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ जोशोखरोश के साथ संघर्ष को तैयार हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रति पक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की जुगलबंदी से पार्टी संगठन में एकजुटता का संदेश भी निचले स्तर तक गया है। कांग्रेस पर्वतीय क्षेत्रों में प्राधिकरण के खिलाफ पनप रहे जनाक्रोश, रोजगार, किसानों की बदहाली, पहाड़ में बंदर-लंगूर का आतंक, पलायन जैसे मुद्दों को लेकर ना केवल सड़क पर उतरेगी, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार की घेराबंदी करेगी।
कुमाऊं के छह दिनी दौरा पूरा करने के बाद दूरभाष पर जागरण से हुई बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा ने कहा कि भाजपा राज में जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। आरोप लगाया कि सहकारिता में निकाली गई रिक्तियों में राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को मौका दिया जा रहा है। भाजपा ने लोक सभा चुनाव से पहले किसानों को छह हजार नगदी को प्रलोभन देकर वोट हथिया लिए, लेकिन किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा करने को क्या प्लान है, यह नहीं बताया जा रहा है।
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सरकार में फिक्स है हर काम का दाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहाड़ में सूअर, बंदर, लंगूर के आतंक से खेतीबाड़ी चौपट है। पलायन आयोग बना दिया, लेकिन पलायन थमने के बजाय बढ़ा है। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने कोस्ट गार्ड का भर्ती केंद्र पहाड़ में खोलने के बजाय डोइवाला में खोल दिया। तंज कसा कि सरकार के मुखिया के पास कोई विजन नहीं है। सरकार ने बिना पढ़े ही पंचायती राज एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव कर दिया। सरकार सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी मोदी-भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए काम कर रही है, जनता से कोई सरोकार नहीं है।