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अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटाला मामले में उत्तराखंड में बड़ा आंदोलन खड़ा न कर सकी कांग्रेस

Congress Uttarakhand News अंकिता भंडारी हत्याकांड और यूकेएसएसएससी भर्ती घाेटाला मामले में कांग्रेस उत्तराखंड में कोई बड़ा आंदोलन खड़ा न कर सकी। जबकि इन दानों मामलों में उत्तराखंड के लोगों के मानस पर गंभीर रूप से असर किया है।

By govind singhEdited By: Skand ShuklaPublished: Wed, 28 Sep 2022 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 12:26 PM (IST)
अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटाला मामले में उत्तराखंड में बड़ा आंदोलन खड़ा न कर सकी कांग्रेस
अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटाला मामले में उत्तराखंड में बड़ा आंदोलन खड़ा न कर सकी कांग्रेस

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: अंकिता भंडारी संग हुई हृदय विदारक घटना के बाद पहाड़ संग पूरा देश भावुक नजर आया। भाजपा नेता के बेटे से जुड़े मामले में गढ़वाल में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। कुमाऊं में भी सामाजिक संगठनों के बैनर तले प्रदर्शनों का दौर जारी है। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष जैसे तीन अहम पद जिस मंडल के खाते में आए हो।

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वहां कांग्रेस कोई बड़ा आंदोलन खड़ा नहीं कर सकी। जबकि इस अति संवेदनशील मामले में असल विपक्ष की भूमिका निभाते हुए उसे सड़कों पर उतर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए था। अंकिता के अलावा यूकेएसएसएससी प्रकरण में भी सामाजिक व युवा संगठन कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा मुखर नजर आए।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का करारी हार का सामना करना पड़ा था। सत्ता में वापसी की राह तलाशने वाली पार्टी 19 सीट ही जीत सकी। पिछले दिनों उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के अलावा कुछ अन्य भर्तियों में उठा धांधली का मुद्दा उठा।

एसआइटी जांच के दौरान गिरफ्तारियों का सिलसिला भी चलता गया। इस बीच विधानसभा में हुई अवैध नियुक्तियों का मामला तूल पकडऩे पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद्र अग्रवाल के समय की भर्तियां निरस्त भी की गई। भर्ती मामलों में दून से हल्द्वानी तक युवाओं का आक्रोश देखने को मिला।

हल्द्वानी में हुई युवाओं की रैली में कांग्रेस के बड़े नेता भी शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन संगठन स्तर पर कोई बड़ा आंदोलन मंडल में देखने को नहीं मिला। वहीं, अंकिता भंडारी की हत्या के बाद कांग्रेस नेता दून, ऋषिकेश पहुंचने से लेकर सांत्वना देने के लिए उसके घर तक तो पहुंचे। लेकिन इस मामले में भी मुख्य विपक्षी दल कुमाऊं में कोई बड़ा जन आंदोलन अब तक नहीं कर सका। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि राज्य से जुड़े इन गंभीर मामलों में विपक्ष सड़कों पर नजर क्यों नहीं आ रहा।

युवा चेहरे संगठन चुनाव में जुटे

कांग्रेस की युवा विंग यूथ कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव हो रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव से लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आनलाइन वोटिंग होगी। एप के जरिये नए लोगों को संगठन से जोड़ा जाना है। जिसके बाद यह आनलाइन वोटिंग भी करेगे। चुनावी माहौल में व्यस्त होने के कारण युवा कांग्रेस भी कोई बड़ा आंदोलन अब तक नहीं कर पाई।

कापड़ी पहुंचे हाई कोर्ट

यूकेएसएसएसी मामले को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने विधानसभा में आवाज उठाने के बाद हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की। कापड़ी की मांग है कि भर्ती धांधली मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। तभी प्रकरण से जुड़े बड़े चेहरों को बेनकाब किया जा सकता है। फिलहाल मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है।


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