चीन से तनातनी के बीच सीमांत में संचार व्यवस्था ध्वस्त, मोबाइल टावर के लिए खोदे गए गड्ढे मलबे में भरे
चीन और नेपाल से तनातनी के बीच उत्तराखंड के सीमांत जिले में सुरक्षा सड़क और संचार व्यवस्था प्राथमिकता में है। बावजूद इसके मुनस्यारी के समकोट कोटा पंद्रहपाला क्षेत्र के 24 से अधिक गांवों को संचार सेवा से जोडऩे की कवायद आज तक पूरा नहीं हो सकी है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : चीन और नेपाल से तनातनी के बीच उत्तराखंड के सीमांत जिले में सुरक्षा, सड़क और संचार व्यवस्था प्राथमिकता में है। बावजूद इसके मुनस्यारी के समकोट, कोटा पंद्रहपाला क्षेत्र के 24 से अधिक गांवों को संचार सेवा से जोडऩे की कवायद आज तक पूरा नहीं हो सकी है। यहां मोबाइल टावर के लिए गड्ढे खोदकर करीब पांच साल से यूं ही छोड़ गए हैं, लेकिन टावर का पता नहीं है। ऐसे में गैस बुकिंग सहित अन्य किसी भी आनलाइन काम के लिए यहां के ग्रामीणों को 20 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
मोबाइल फोन बने शो पीस
मुनस्यारी के समकोट, तल्ला और मल्ला, कोटा, पंद्रहपाला, मलौन, लोध, राया, बजेता, डुंगरी सहित 24 गांव आज तक संचार सेवा से नहीं जुड़ सके। पूर्व में जब मोबाइल संचार सेवा प्रारंभ हुई तो ग्रामीणों ने मोबाइल फोन खरीद लिए थे। करीब दस वर्ष बीत चुके हैं। मोबाइल फोन आज तक प्रयोग में नहीं आ सके।
अब विधायक अपनी निधि से लगाएंगे टावर
समकोट में बीएसएनएल तो टावर नहीं लगा सका। लोकसभा चुनाव से पूर्व की कवायद महज मजाक साबित हुई। टावर के लिए खोदा गया गड्ढा मलबे से भर गया है। ऐसे में धारचूला के विधायक टावर लगाने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने अपनी निधि से 29 लाख रु पये जारी किए हैं। एके गुप्ता, महाप्रबंधक , दूरसंचार जिला अल्मोड़ा ने बताया कि पूर्व में टावर निर्माण का कार्य बजट की कमी से आगे नहीं बढ़ सका। विधायक निधि से धन मिलने की बात है। धन मिलते ही टावर लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।