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एसएसजे यूनिवर्सिटी में ड्रग्स प्रकरण मामले में कमेटी ने जांच से किया इनकार, जानें कारण

कैंपस की साख से जुड़े संवेदनशील मसले पर पूर्व निदेशक व अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) आदि के जांच में सहयोग न करने पर कमेटी अध्यक्ष ने पूर्व में गठित नशामुक्ति उन्मूलन सेल से ही तहकीकात कराने की सिफारिश कर दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 06:12 PM (IST)
एसएसजे यूनिवर्सिटी में ड्रग्स प्रकरण मामले में कमेटी ने जांच से किया इनकार, जानें कारण
एसएसजे में ड्रग्स प्रकरण की जांच को गठित कमेटी ने अब हाथ खींच लिए हैं।

अल्मोड़ा, जेएनएन : सोबन सिंह जीना परिसर में ड्रग्स प्रकरण की जांच को गठित कमेटी ने अब हाथ खींच लिए हैं। कैंपस की साख से जुड़े संवेदनशील मसले पर पूर्व निदेशक व अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) आदि के जांच में सहयोग न करने पर कमेटी अध्यक्ष ने पूर्व में गठित नशामुक्ति उन्मूलन सेल से ही तहकीकात कराने की सिफारिश कर दी है। छात्र संघ भवन के ताले तोड़े जाने से लेकर नशे में प्रयुक्त सामग्री के मिलने तक पूछे गए तमाम सवालों के भी संतोषजनक जवाब न दिए जाने के कारण कमेटी ने आगे जांच कर पाने में असमर्थता जता दी है।

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याद रहे बीती 14 सितंबर को एसएसजे परिसर में एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने कार्यकाल खत्म होने के बावजूद छात्रसंघ भवन को परिसर निदेशक की सुपुर्दगी में न दिए जाने पर हंगामा काटा था। साथ ही भवन कक्ष से सामान गायब होने का आरोप लगा जांच की मांग उठाई थी। होहल्ले के बीच तब पूर्व परिसर निदेशक जगत सिंह बिष्ट, पूर्व कुलानुशासनक डॉ. संजीव आर्या व डीएसडब्ल्यू प्रो. जया उप्रेती की मौजूदगी में छात्रसंघ भवन का ताला तोड़ा गया। कमरे में स्मैक में इस्तेमाल होने वाले फॉयल पेपर के अधजले टुकड़े व अन्य सामग्री मिली थी। इससे मामला तूल पकड़ गया। एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने छात्र संघ भवन में नशाखोरी का आरोप लगा जांच व कार्रवाई की मांग उठाई।

तत्कालीन निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्टï ने उसी शाम प्रो. भीमा मनराल की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच बैठाई थी। इसमें प्रो. एके नवीन, डॉ. डीएस बिष्ट, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजन जोशी व महासचिव आशीष पंत को शामिल किया गया था।

शुरू से ही असहयोग

कमेटी ने घटना के तीसरे दिन बयान लेने के लिए बैठक बुलाई। तत्कालीन निदेशक प्रो. जगत व डीएसडब्ल्यू प्रो. जया नहीं पहुंची। 18 सितंबर को दोबारा बैठक बुलाई मगर सवालों के गोलमोल जवाब से कमेटी असंतुष्टï। निरीक्षण आख्या भी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग न किए जाने पर कमेटी अध्यक्ष ने रिपोर्ट मौजूदा परिसर निदेशक प्रो. नीरज तिवारी को दे दी है। इसमें जांच नशा उन्मूलन सेल से कराने को कहा गया है।

सवाल जिनके नहीं मिले जवाब

  • = छात्रसंघ भवन का ताला तोडऩे की जरुरत क्यों पड़ी
  • = आपत्तिजनक सामग्री मिली तो उसे तुरंत सील क्यों नहीं किया
  • = वहां से मिले सामान की लिस्ट कहां है
  • = छात्रसंघ भवन की चाबी देर से क्यों दी

प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच में सहयोग नहीं किया

जांच कमेटी के अध्यक्ष प्रो. भीमा मनराल ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं दिया। निरीक्षण आख्या के बगैर जांच कार्य आगे बढ़ाया जाना संभव नहीं है। इसीलिए निदेशक से पूरी जांच नशा उन्मूलन सेल को स्थानांतिरत करने के लिए कहा गया है।


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