नैनीताल बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय की सिफारिश
नैनीताल बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : नैनीताल बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है। संसद की याचिका समिति ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग से नैनीताल बैंक के बॉब में विलय की सिफारिश कर दी है। नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इस फैसले पर हर्ष जताया है। उसका कहना है कि संसदीय कमेटी के फैसले से बैंक के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कयासों पर विराम लग गया है। वहीं नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन ने बैंक के बॉब में विलय का विरोध करते हुए किसी अन्य बड़े बैंक में विलय के पक्ष में आवाज बुलंद की है।
नैनीताल बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के महामंत्री पीयूष पयाल ने समिति के अध्यक्ष सांसद भगत सिंह कोश्यारी को इसके लिए धन्यवाद दिया। मंगलवार को प्रस्ताव का स्वागत करते हुए शाखाओं में कर्मचारियों व ग्राहकों के बीच मिष्ठान वितरित किया गया। यूनियन के पदाधिकारियों ने दिल्ली में कोश्यारी के आवास पर जाकर भी शुक्रिया अदा किया। नैनीताल बैंक की देशभर में 139 शाखाएं हैं, जिसमें से करीब 70 उत्तराखंड में हैं। बॉब में विलय हुआ तो होगा विरोध
नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री प्रवीण साह ने बैंक के बॉब में विलय का पुरजोर विरोध करने का एलान किया है। साह ने कहा कि 2006 में यह कोशिश हुई तो बड़े आंदोलन के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था। उन्होंने दावा किया कि यूनियन पदाधिकारियों के साथ पांच जुलाई को हुई मुलाकात में बॉब के चेयरमैन ने विलय प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डालने की जानकारी दी थी। साथ ही बताया कि केंद्र सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक व विजया बैंक के विलय करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। बैंकों के विलय के खिलाफ यूनियन 26 दिसंबर को हड़ताल करेगी। सरकार और आरबीआइ करेंगे अंतिम फैसला
भले ही संसदीय समिति ने संसद में पेश रिपोर्ट में नैनीताल बैंक के बॉब में विलय की सिफारिश कर दी हो, मगर बैंक सूत्रों के अनुसार अंतिम फैसला आरबीआइ और केंद्र सरकार ही करेगी। नैनीताल बैंक में बैंक ऑफ बड़ौदा के करीब 97 फीसद शेयर हैं, जबकि नैनीताल बैंक में अधिकारी-कर्मचारी समेत करीब 1100 कार्मिक कार्यरत हैं।