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Kuamon Weather Forecast : शुरू हो गई उत्‍तराखंड के पहाड़ों पर ठंड, जानें कहां रहा सबसे कम तापमान

Kuamon Weather Forecast अक्टूबर आधा नहीं बीता है लेकिन हिल स्टेशनों में ठंड की शुरुआत होने लगी है। विशेषकर सुबह व शाम के समय गुनगुनी ठंड का अहसास होने लगा है। कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में रात का तापमान 12 से 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 07:30 AM (IST)
Kuamon Weather Forecast : शुरू हो गई उत्‍तराखंड के पहाड़ों पर ठंड, जानें कहां रहा सबसे कम तापमान
Kuamon Weather Forecast : शुरू हो गई उत्‍तराखंड के पहाड़ों पर ठंड, जानें कहां रहा सबसे कम तापमान

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Kuamon Weather Forecast : अक्टूबर आधा नहीं बीता है, लेकिन हिल स्टेशनों में ठंड की शुरुआत होने लगी है। विशेषकर सुबह व शाम के समय गुनगुनी ठंड का अहसास होने लगा है। कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में रात का तापमान 12 से 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है। तराई में न्यूनतम पारा अभी भी 20 डिग्री से अधिक बना हुआ है।

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बुधवार को सबसे कम 11.1 डिग्री तापमान चम्पावत में दर्ज किया गया। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले तीन दिन कुमाऊं में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा। सिंह ने बताया कि 17 अक्टूबर को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछार पडऩे की संभावना है। इसके बाद तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी।

कहां कितना रहा तापमान

स्टेशन          अधिकतम     न्यूनतम

हल्द्वानी       32.5            22.0

नैनीताल        25.7            16.1

रुद्रपुर            34.2            20.7

अल्मोड़ा         32.2           12.6

बागेश्वर         36.2           16.1

पिथौरागढ़      29.7           13.1

चम्पावत       28.6           11.1

जागेश्वर       23.6            15.8

धौली नदी पर नहीं बना बरसात में बहा पुल

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील उच्च हिमालयी दारमा घाटी के चल और सेला गांव के ग्रामीण शीतकालीन प्रवास के लिए तैयारी कर चुके हैं। धौली नदी अस्थाई पैदल पुल की मरम्मत नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं। समय पर पुल नहीं बना तो ग्रामीण बर्फबारी में फंस सकते हैं। दारमा घाटी के चल और सेला गांव धौली नदी के पूर्वी क्षेत्र में स्थित हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को माइग्रेशन के लिए धौली नदी पार कर पश्चिमी तरफ आना होता है। दोनों गांवों को जोडऩे के लिए धौली नदी पर ट्राली लगी है और पुल स्वीकृत है। पूरा माइग्रेशन काल समाप्त होने जा रहा है परंतु पुल निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है।


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