शहीद की शहादत पर सीएम रावत ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को दी ये नसीहत
आतंकियों और अलगाववादियों की हिंसक भीड़ के पथराव में शहीद हुए राजेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री ने मानवाधिकार की पैरवी करने वालों को दी नसीहत।
पिथौरागढ़/नैनीताल (जेएनएन) : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के टी जंक्शन के पास आतंकियों और अलगाववादियों की हिंसक भीड़ के पथराव में शहीद हुए राजेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि इस घटना के बाद मानवाधिकार की पैरवी करने वालों की आंखें खुलनी चाहिए। पत्थरबाजों को मासूम समझने वालों की सोच बदलनी चाहिए।
शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम श्री रावत ने कहा कि जवान राजेंद्र सिंह की शहादत बेकार नहीं जाएगी। जवान के बलिदान से आज माता, पिता और दो बहनों का सहारा छिन चुका है परंतु पूरा देश , सरकार इस परिवार के साथ है। उन्होंने इस घटना ने देश को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। यह बेहद चिंता का विषय है। जम्मू कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी क्या कर रहे हैं यह पूरा देश जान चुका है। हमारी सेना और अद्र्धसैनिक बल के जवान मुस्तैदी से डटे हैं। आतंकवादियों के आकाओं को सबक सिखाने के लिए देश की सेना और तैयार है। आकाओं को यह समझ भी लेना चाहिए।
इससे पूर्व सीएम श्री रावत देहरादून से नैनी सैनी हवाई पट्टी पर उतरने के बाद साढ़े दस बजे के आसपास ब्रिगेड हेडक्वार्टर पहुंचे। करीब 11 बजकर 45 मिनट के आसपास शहीद राजेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर सेना के हैलीकॉप्टर से बरेली से सेना के मैदान में उतरा। जहां श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम श्री रावत देहरादून लौट गए।
जब भावुक हो उठे सीएम
शहीद को श्रद्धांजलि देते समय सीएम त्रिवेंद्र रावत भावुक हो गए। शहीद के ताबूत पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद वह लगभग पांच मिनट तक शहीद के पार्थिव शरीर के आगे आंखे मूंद कर खड़े रहे। इस दौरान उनके चेहरे में कई तरह के भाव आते रहे। जिसमें आक्रोश, संवेदना और चिंता नजर आ रही थी। बाद में पत्रकारों के साथ वार्ता में ही उन्होंने अपने मन के इन भावों को उजागर किया।