प्रदेश कार्यसमिति के तरकश से सिर्फ निकाय चुनाव का तीर
हल्द्वानी : विकास एवं निकाय चुनाव। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में संगठन और सरकार के मुखिया की म
हल्द्वानी : विकास एवं निकाय चुनाव। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में संगठन और सरकार के मुखिया की मौजूदगी में यही दो बातें सबकी जुबां पर रही। नेताओं ने विकास का राग गाते हुए निकाय चुनाव में क्लीन स्वीप करने का लक्ष्य तय किया। पदाधिकारियों ने भी इसी सुर से सुर मिलाया और निशाने पर कांग्रेस कहीं दिखी नहीं।
अप्रैल में निकाय चुनाव कराने की सरकार पूरी तैयारियां कर चुकी है। उससे पहले हुई इस प्रदेश कार्यसमिति में सरकार के लिए उपलब्धियों एवं राजनीतिक प्रस्ताव में निकाय चुनाव ही सबके लिए अहम रहा। परिसीमन को सीएम से लेकर सभी मंत्रियों एवं पदाधिकारियों ने विकास के लिए जरूरी बताया। साथ ही कांग्रेस के विरोध पर इतनी नसीहत भी दे डाली कि जनता मतदान में इसका फैसला भी कर देगी। संगठन की मजबूती के लिहाज से भी कार्यकर्ताओं के सामने निकाय चुनाव में फतह ही लक्ष्य रखा गया। प्रदेश के 92 निकायों में से 40 में किए गए सीमा विस्तार को सरकार व संगठन दोनों की ओर से मुकम्मल मानते हुए प्रदेश कार्यसमिति के जरिये स्पष्ट संदेश भी दे दिया गया कि अब इस पर रोल बैक का कोई औचित्य नहीं। ऐसे में कांग्रेस के लिए भी विरोध ही एकमात्र हथियार यह बैठक छोड़ गई।
----------
सीएम से पहले ही मंत्री व सांसद रवाना
हल्द्वानी : प्रदेश कार्यसमिति प्रात: 11 बजे से सायं चार बजे तक चली। सीएम त्रिवेंद्र रावत अंत तक मौजूद रहे, लेकिन लंच के बाद सांसद भगत सिंह कोश्यारी, वित्त मंत्री प्रकाश पंत, वन मंत्री हरक रावत आदि जा चुके थे। वहीं कार्यक्रम के समापन पर वहां बुजुर्ग नेता बची सिंह रावत, बंशीधर भगत एवं अन्य नेता नजर आए।
-----
दो नेताओं के बैनर हटाए
कार्यसमिति जिस कक्ष में चल रही थी वहां से दो शीर्ष नेताओं के बैनर हटाने को लेकर भी खूब चर्चा रही। इस चर्चा ने गुटबाजी को भी हवा दे दी। हालांकि खुले तौर पर किसी भी वरिष्ठ नेता ने ऐसा जताया नहीं, लेकिन उनके घेरे में रहने वाले छोटे नेता इस बात को महसूस करते नजर आए।