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दोबारा खुलेगी पूनम पांडे समेत चार हत्याकांडों की बंद फाइल, डीआइजी ने कही ये बात

बहुचर्चित पूनम हत्याकांड समेत चार हत्याकांडों की बंद हुई फाइल दोबारा खोली जाएगी। डीआइजी ने दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई खबरों का संज्ञान लिया है। उनका कहना है कि सभी मामलों की जांच नए सिरे से कराई जाएगी। कुछ और पुराने मामलों से भी जल्द पर्दा हटेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 10:21 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 10:21 AM (IST)
दोबारा खुलेगी पूनम पांडे समेत चार हत्याकांडों की बंद फाइल, डीआइजी ने कही ये बात
दोबारा खुलेगी पूनम पांडे समेत चार हत्याकांडों की बंद फाइल, डीआइजी ने कही ये बात

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बहुचर्चित पूनम हत्याकांड समेत चार हत्याकांडों की बंद हुई फाइल दोबारा खोली जाएगी। डीआइजी ने दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई खबरों का संज्ञान लिया है। उनका कहना है कि सभी मामलों की जांच नए सिरे से कराई जाएगी। कुछ और पुराने मामलों से भी जल्द पर्दा हटेगा।

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हल्द्वानी की पूनम, नीरू साह, गौलापार के चंदन सिंह बजवाल और रामनगर की महिमा की हत्या के मामले में पुलिस कोई खुलासा नहीं कर सकी है। पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंची तो सभी मामलों में गुपचुप तरीके से फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर लगा दी गई। दैनिक जागरण ने सभी हत्याकांडों में अब तक हुई प्रगति की पड़ताल की तो पता चला कि पूनम हत्याकांड में वर्ष 2019, नीरू साह हत्याकांड में 21 अप्रैल 2019, चंदन सिंह बजवाल हत्याकांड में 22 फरवरी 2020 और रामनगर के महिमा हत्याकांड में वर्ष 2013 में एफआर लगा दी गई थी। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में भी पेश कर दी गई।

बीते शनिवार और रविवार के अंक में दैनिक जागरण ने पुलिस की विफलता को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबरों का डीआइजी नीलेश आनंद भरणे ने संज्ञान लिया है। तेजतर्रार कार्यशैली के लिए चर्चित भरणे का कहना है कि सभी मामलों की जांच नए सिरे से कराई जाएगी। हत्यारोपितों को उनके गुनाह की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हत्यारे खुले घूम रहे हैं तो जरूर सलाखों के पीछे पहुंचाए जाएंगे।

अरुण पाल हत्याकांड के खुलासे की उम्मीद

सात साल पहले हुए अरुण पाल हत्याकांड के खुलासे की उम्मीद एक बार फिर जगी है। कुछ संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट होने के बाद पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे थे। इस मामले की विवेचना मुखानी थाना प्रभारी सुशील कुमार को सौंपी गई है। कालाढूंगी रोड स्थित केनाल कॉलोनी में रहने वाले अरुण पाल का शव 25 नवंबर 2015 को लालपुर के जंगल में मिला था। अरुण के शरीर में धारदार हथियार के कई निशान बने थे। तब पुलिस जांच में सामने आया था कि 24 नवंबर 2015 को अरुण अंतिम बार बरेली रोड व तिकोनिया में देखा गया था। वहां से 10 किली दूर जंगल में वह कैसे पहुंचा। यह गुत्थी आज तक नहीं सुलझ सकी। पुलिस ने प्रेम-प्रसंग, अवैध संबंध, रंजिश और नशे के विवाद में हत्या की दिशा में जांच शुरू की थी। जैसे-जैसे हत्याकांड का समय बीतता गया, जांच की गति भी धीमी हो गई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कुछ संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट करा लिया है।


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