अल्मोड़ा में मलेरिया प्लाजमोडियम के पांचवें परजीवी मिलने का दावा, NAINITAL NEWS
जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने एक रोगी के ब्लड सैंपल में मलेरिया के पांचवे परजीवी के लक्षण पाए जाने का दावा किया है।
अल्मोड़ा, जेएनएन : जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने एक रोगी के ब्लड सैंपल में मलेरिया के पांचवे परजीवी के लक्षण पाए जाने का दावा किया है। प्रारंभिक जांच में यह लक्षण आने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस तरह का पांचवां परजीवी वर्षों पहले बंदरों में पाया गया था। रोगी के ब्लड सैंपल जांच के लिए दिल्ली और लखनऊ लैब को भेजे जा रहे हैं। अगर रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई तो इस परजीवी के कारण मनुष्य में मलेरिया होने का यह देश का पहला मामला हो सकता है।
जिला अस्पताल अल्मोड़ा में बीते दिनों मूल रूप से बरेली का रहने वाला एक व्यक्ति ठंड के बुखार आने के चलते खून की जांच कराने आया। जिला अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डॉ. अखिलेश ने उसके रक्त का परीक्षण किया तो जो परिणाम उनके सामने आए, उससे वह हैरत में पड़ गए। डॉ. अखिलेश ने बताया कि रोगी के खून का माइक्रोस्कोप से परीक्षण किया गया तो उसमें प्लाजमोडियम की एक अलग प्रजाति दिखाई दी। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में मलेरिया की चार ही प्रजातियां देखी गई हैं। जिन्हें फैल्सीफेरम, वाइवैक्स, मलेरिया और ओवेल नाम से जाना जाता है। इस रोगी के ब्लड सैंपल में मिली प्रजाति प्लाजमोडियम नोवेल्सी से मिलती जुलती है, जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
ब्लड सैंपल की दिल्ली और लखनऊ में होगी जांच
डॉ. अखिलेश का कहना है कि शुरुआती परीक्षण में अलग तरह की प्रजाति मिलने से वह भी सकते में हैं। ब्लड सैंपल को अब जांच के लिए एनआइएमआर दिल्ली और मलेरिया सेंटर लखनऊ भेजा जा रहा है।
सालों पहले विदेशों में पाई गई थी यह प्रजाति
प्लाजमोडियम नोवेल्सी परजीवी से मलेरिया होने के अधिकांश मामले अब तक विदेशों में सामने आए हैं। डॉ. अखिलेश ने बताया कि मलेरिया के इस पांचवीं प्रजाति को वर्ष 1931 में डॉ. आर नोवेल्स और डॉ. बीएम दास ने कलकत्ता में बंदरों में पाया था। उन्होंने बताया कि अगर दिल्ली और लखनऊ में होने वाली जांच में इसकी पुष्टि हुई तो भारत में मनुष्य में पाई जाने वाली यह पहली प्रजाति होगी।
ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा
डाॅ. विनीता साह, सीएमओ, अल्मोड़ा ने बताया कि रक्त की जांच में पांचवें परजीवी के लक्षण मिलने को गंभीरता से लिया गया है। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है।
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