Chlorine Gas Leak Case: महज एक सिलेंडर लीक ने खोल दी पूरे डिजास्टर सिस्टम की पोल, 4 घंटों तक कंफ्यूज ही रहे इंजीनियर
नैनीताल के सूखाताल क्षेत्र में पंप हाउस में क्लोरीन गैस सिलेंडर में हुए रिसाव से प्रशासनिक अमला हड़कंप में आ गया। करीब चार घंटे तक प्रशासन एनडीआरएफ एसडीआरएफ अग्निशमन विभाग पुलिस और राजस्व की टीम के साथ ही जल संस्थान के इंजीनियर यह जानने में असफल रहे कि सिलिंडर को पानी में फेंका जाए या गड्ढे में दबाया जाए। इस घटना ने आपदा प्रबंधन प्रणाली की कमियों को उजागर किया।
जागरण टीम, नैनीताल। शहर के सूखाताल क्षेत्र स्थित जल संस्थान के पंप हाउस में क्लोरीन गैस सिलेंडर में हुए रिसाव से पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा रहा।
करीब चार घंटे तक प्रशासन समेत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग पुलिस और राजस्व की टीम के साथ ही जल संस्थान के इंजीनियर यह जानने में असफल रहे के सिलिंडर को पानी मे फेंका जाए या गड्ढे में दबाया जाए।
गैस रिसाव की घटना से निपटने के लिए पूरा सरकारी सिस्टम फेल नजर आया। अधूरे इंतजामों के साथ पहुंची तमाम टीमों को महज एक क्लोरीन सिलेंडर निस्तारित करने में पौने चार घंटे का समय लग गया।
सूखाताल क्षेत्र में शाम करीब चार बजे जल संस्थान के पंप हाउस में क्लोरीन गैस के रिसाव की सूचना पाकर जल संस्थान अधिकारी मौके पर पहुंचे। तेज रिसाव के कारण अधिकारियों ने पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचित किया पर अग्निशमन विभाग की टीम भी जब पंप के भीतर प्रवेश नहीं कर पाई।
इसके बाद एसडीआरएफ को बुलाया गया। एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग कर्मियों ने एक आक्सीजन सिलिंडर लगे मास्क को लगाकर भीतर जाने का प्रयास किया तो कर्मियों से सिलिंडर ही नहीं खुला। जिला प्रशासन से एसडीएम प्रमोद कुमार राजस्व की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
क्लोरीन गैस का चूने से निस्तारण होने की जानकारी मिलने के बाद आनन फानन में नगर पालिका से 50 किलो चूने का प्रबंध किया गया। शाम छह बजे तक दो घंटे सिलिंडर को पंप हाउस से बाहर निकलने की चुनौती बनी रही।
छह बजे एनडीआरएफ की टीम ने पहुँच मोर्चा संभाला। अभियान में एक गैस सिलिंडर को बाहर निकलने में करीब पौने चार घंटे का समय लग गया।
साढ़े छह बजे गड्डा खोदने को पहुंचा बुलडोजर
रिसाव के बाद सिलिंडर को निस्तारित करने के लिए चूना और अन्य इंतजाम तो जुटा लिए गए, मगर सिलिंडर को जमीन के भीतर बंद करने के लिए दो घंटे गुजरने के बाद भी गड्डा नहीं खुद पाया। साढ़े छह बजे बुलडोजर बुलवाया गया। कारण सिलिंडर बाहर निकलने के बाद सूखाताल झील में डालकर निस्तारित किया गया।
इस दौरान यह तय नहीं हो पाया कि सिलिंडर का निस्तारण झील में किया जाए या गड्ढे में। एसडीएम प्रमोद कुमार के अनुसार किसी को यह जानकारी नहीं थी कि निस्तारण कैसे हो। इस वजह से जल संस्थान के लोग समाधान नहीं तलाश पाए।
सयुक्त मजिस्ट्रेट करेंगी मामले की जांच
आबादी क्षेत्र के बीच स्थित पंप हाउस में रखे क्लोरीन सिलिंडर में रिसाव होने की घटना कई सवाल खड़े कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिलिंडर पंप हाउस के कमरे से आधा बाहर निकला हुआ था।
ऐसे में क्या किसी ने सिलिंडर को चोरी का प्रयास किया या उसके खिसकने के दौरान लीकेज हो गया यह बड़ा सवाल है। एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी वंदना सिंह की ओर से मामले की जांच के आदेश किये गए है। मामले की जांच सयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल को सौपी गयी है।
क्षेत्रवासियों ने लगाए लापरवाही के आरोप
क्लोरीन गैस सिलिंडर में रिसाव और समय से राहत कार्य नहीं होने के कारण क्षेत्रवासियों ने लापरवाही बरतने के आरोप लगाए है। गैस की चपेट में आये रोहित भाटिया ने बताया कि गैस रिसाव होने के बाद सिलिंडर को निस्तारित करने के इंतजाम समय से नहीं किये गए। जिस कारण क्षेत्र के लोगों को आगे आना पड़ा।
वहीं मामले में एसडीएम प्रमोद कुमार का कहना है कि गैस रिसाव होने के बाद प्रशासन की पहली प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र से लोगों को हटाना थी। करीब 150 लोगों को घरों से बाहर कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। चपेट में आने वाले लोगों के लिए तीन एम्बुलेंस भी लगाई गई थी।