India-China Tension : बाज नहीं आ रहा चीन, अब लिपुलेख दर्रे से लगी सीमा पर बना रहा हट
India-China Tension पूर्वी लद्दाख में बढ़ रहे तनाव के बीच चालबाज चीन ने अब उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे से लगी अपनी सीमा पर छोटे-छोटे हट बनाने शुरू कर दिए हैं।
पिथौरागढ़/ धारचूला, जेएनएन : India-China Tension : पूर्वी लद्दाख में बढ़ रहे तनाव के बीच चालबाज चीन ने अब उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे से लगी अपनी सीमा पर छोटे-छोटे हट बनाने शुरू कर दिए हैं। यह कार्य नेपाल की टिंकर सीमा से करीब आठ किलोमीटर दूरी पर किया जा रहा है। चीन की इस कसरत के बीच भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। चालबाज मुल्क की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां नजर रख रही हैं।
नेपाल की भूमिका इस इलाके में पहले से ही संदिग्ध रही है। नेपाल सरकार के निर्देश पर वहां के सशस्त्र बल के चीन के लिए जासूसी करने का पूर्व में भी खुलासा हो चुका है। सूत्रों के अनुसार नेपाल के गृह मंत्रालय के आदेश पर वहां की सेना की 44वीं गुल्म इस क्षेत्र में तैनात है। नेपाल भारतीय क्षेत्र गुंजी के सामने कव्वा नामक स्थान से भारत पर नजर रख रहा है। चीन ने पूर्व में ही लिपुलेख के निकट अपनी सेना बढ़ा दी थी।
लिपुलेख से लगभग दस किमी दूर पाला नामक स्थान पर सैन्य छावनी बनाई गई है। पाला वह जगह है जहां भारत के लिपुलेख से जाने वाला और नेपाल के टिंकर से जाने वाला मार्ग मिलते हैं। इसी स्थान से भारत-चीन व्यापार में शामिल होने वाले भारतीय और नेपाली व्यापारी अपनी-अपनी सीमा को जाते हैं। इधर, नेपाल अब कव्वा से कालापानी तक संकरा पैदल मार्र्ग का निर्माण करा रहा है। वहीं, चीन के हट बनाने से सुरक्षा एजेंसियां अधिक सतर्क हो गई हैं।
नेपाल के पास लिपुलेख तक के लिए रास्ता नहीं
नेपाल की सेना अभी भारत के कालापानी से लिपुलेख तक नजर नहीं रख सकती है। नेपाल में अभी तक कालापानी के लिए मार्ग नहीं बन सका है। जिसके चलते वहां के सशस्त्र बल के जवान केवल कव्वा तक गश्त कर रहे हैं। इससे आगे नेपाल में अभी मार्ग नहीं है। भारत से लिपुलेख पहुंचने के लिए नेपाल के लोगों को या तो भारत आकर ही जाना होगा या फिर टिंकर पास से तिब्बत के टाटा, पाला होकर लिपुलेख पहुंचा जा सकता है।
भारत और नेपाल के लिपुलेख अलग-अलग
नेपाल द्वारा लिपुलेख को लेकर जो विवाद पैदा किया गया है उसके पीछे बाहरी दबाव स्पष्ट हो रहा है। चीन सीमा पर भारत और नेपाल में दो अलग-अलग लिपुलेख हैं। नेपाल में टिंकर के निकट स्थित चीन सीमा को भी लिपुलेख कहा जाता है। भारत का लिपुलेख और नेपाल का लिपुलेख पूरी तरह अलग-अलग हैं। नेपाल के इस लिपुलेख से भारत के लिपुलेख तक पहुंच पाना संभव नहीं है। नेपाल में चीन सीमा भारत की अपेक्षा अधिक नजदीक है, परंतु वहां से चीन सीमा तक पहुंचने का मार्ग काफी दुर्गम। भारत में कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए लिपुलेख तक सड़क बनने के बाद से चीन के इशारे पर नेपाल भारतीय लिपुलेख को लेकर लगातार विवाद बढ़ा रहा है।