क्लास में या ऑनलाइन पढ़ाई न करने वाले बच्चों को नहीं मिलेगा खाद्य सुरक्षा भत्ता
भौतिक रूप से स्कूल नहीं आने या ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण से वंचित रहने वाले कक्षा एक से आठवीं के बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता (एफएसए) नहीं मिलेगा। इस संबंध में विभाग की ओर से स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : भौतिक रूप से स्कूल नहीं आने या ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण से वंचित रहने वाले कक्षा एक से आठवीं के बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता (एफएसए) नहीं मिलेगा। इस संबंध में विभाग की ओर से स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद कक्षा छह से ऊपर की कक्षाओं को भौतिक रूप से संचालित किया जा रहा है। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए स्कूलों में मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा। इसकी जगह छात्र-छात्राओं को खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया जा रहा। विभाग कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह निर्धारित कार्य दिवसों के आधार पर खाद्य सुरक्षा भत्ता (एफएसए) वितरित कर रहा है।
छात्र-छात्राएं पढ़ाई को गंभीरता लें, इसके लिए विभाग ने एफएसए को लेकर नई व्यवस्था की है। भौतिक व ऑनलाइन दोनों तरह के शिक्षण कार्य से विरत रहने वाले विद्यार्थियों को अनुपस्थित मानकर खाद्य सुरक्षा भत्ता नहीं देने का निर्णय लिया है। सितंबर से यह व्यवस्था लागू की गई है।
जिले में 60 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत
मध्याह्न भोजन योजना के तहत नैनीताल जिले में 60 हजार बच्चे लाभान्वित होते हैं। प्राथमिक स्तर पर 4.97 रुपये, जूनियर में 7.45 रुपये प्रतिदिन की दर से एक बच्चे का पोषण शुल्क मिलता है। धनराशि बच्चों को खाते में भुगतान की जा रही है। प्रत्येक वर्ष 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाती है, इस साल अभी तक बढ़ोतरी नहीं हुई है। सीईओ नैनीताल केके गुप्ता ने बताया कि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई न छूटे और वह शिक्षण गतिविधि से किसी भी तरह जुड़े रहे, इस उद्देश्य से उपस्थिति के आधार पर खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का निर्णय लिया गया है।