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परीक्षा परिणाम को लेकर बच्चों पर न बनाएं प्रेशर, फेल होने से खत्म नहीं होती जिंदगी

परीक्षा में कम अंक आने या असफल होने पर माता-पिता बच्चों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। इससे बच्चों का तनाव बढ़ जाता है वह परिणाम का सामना करने में असमर्थ हो जाते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 11:46 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 11:46 AM (IST)
परीक्षा परिणाम को लेकर बच्चों पर न बनाएं प्रेशर, फेल होने से खत्म नहीं होती जिंदगी
परीक्षा परिणाम को लेकर बच्चों पर न बनाएं प्रेशर, फेल होने से खत्म नहीं होती जिंदगी

हल्द्वानी, जेएनएन : परीक्षा में कम अंक आने या असफल होने पर माता-पिता बच्चों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। इससे बच्चों का तनाव बढ़ जाता है, वह परिणाम का सामना करने में असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए थोड़ी सी समझदारी से बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह सलाह मनोवैज्ञानिक डॉ. तन्वी शर्मा की है। वह बुधवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि फेल होने से जिंदगी खत्म नहीं होती है। आपको भविष्य में तमाम अवसर मिलते हैं। हार पर मंथन करते हुए भविष्य की तैयारी में जुट जाना चाहिए।  

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सवाल : परीक्षा में कम अंक आने के बाद बच्चा गुमसुम सा रहने लगा है। क्या करें? 

पवन सिंह, जगदीप बिष्ट, ललित जोशी, हल्द्वानी

जवाब : अधिकांश पैरंट्स का प्रेशर बच्चों को तनाव में डाल देता है। कम नंबर आने पर बच्चे जितना अपने रिजल्ट से दुखी नहीं होते, उससे कहीं ज्यादा इस बात को लेकर परेशान रहते है कि वे अपने पैरंट्स की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इसका समाधान यही है कि पैरंट्स अपनी महत्वाकांक्षाएं बच्चों पर न लादें और उनको समझाएं कि वे उनके साथ हैं। 

सवाल : परीक्षा परिणाम में औरों से कम अंक आने पर बेटा बहुत चिंतित है। उसे किस तरह समझाना चाहिए?

सौम्या, भीमताल, सुरभि पंत, नैनीताल

जवाब : बच्चे के साथ बैठें, उसको पर्याप्त समय दें। दोस्ताना व्यवहार करें। कभी-कभी होता यह है कि हम अपने बच्चे के रिजल्ट की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते हैं। सबसे अहम यह है कि बच्चे का जो भी रिजल्ट आया है, उसको स्वीकार करें। उसको यकीन दिलाएं कि आप उसके साथ हैं।   

सवाल : बहुत समझाने के बाद भी मेरी बेटी परीक्षा परिणाम से खुश नहीं है। अजीब-अजीब की बातें करने लगती है।

करन बिष्ट, कालाढूंगी, दीपा नगरकोटी, हल्द्वानी

जवाब : ज्यादातर बच्चे परीक्षा में अच्छा करने के बाद अपने रिजल्ट से बहुत उम्मीदें लगा लेते हैं। परिणाम मन का नहीं आने पर वह अपने को औरों से कम समझने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चे को विश्वास दिलाएं कि परिणाम जो भी आया है, उनका बच्चा बेस्ट है। परेशान होने की जरूरत नहीं है। आगे आने वाली परीक्षाओं में रिजल्ट बेहतर होगा। 

बच्चों से ऐसी नकारात्मक बातें न करेंं

  • तुमने साल भर पढ़ाई नही की, क्या किया
  • तुमसे पढाई लिखाई नहीं हो पाएगी
  • तुम कभी पास नहीं हो सकते
  • खेलने-कूदने में ही समय बिता दिया
  • उनका लड़का देखा कितने नंबर लाया है।
  • तुमने तो मेरी नाक कटवा दी
  • तुमको अभी भी शर्म नही आ रही है।
  • मेरी नजरों से दूर हो जाओ

इन बातों का रखें ध्यान

  • बच्चों का मार्गदर्शन करें 
  • समझाएं ताकि वह हिम्मत न हारे 
  • बच्चों का हर कदम पर साथ दें 
  • दोस्ताना व्यवहार बनाएं रखें
  • खुल कर बात करें 
  • आगे और मेहनत करने की बात कहें 
  • बच्चों के साथ समय बिताए

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