जिला अस्पताल में बवाल, नशे में स्टाफ को बेरहमी से पीटा फिर फार्मासिस्ट को घर जाकर मारा
जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को देखने आए एक व्यक्ति ने रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी।
पिथौरागढ़, जेएनएन : जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को देखने आए एक व्यक्ति ने रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी। नशे में धुत व्यक्ति ने अस्पताल में मारपीट करने के बाद संविदा फार्मासिस्ट के घर जाकर उसे पीटा। इसके बाद वह साथियों के साथ फार्मासिस्ट को अज्ञात स्थान पर ले गया और वहा भी जमकर धुनाई कर दी। हमलावरों के चंगुल से जान छुड़ा कर घायल फार्मासिस्ट ने थाने में जाकर कार्रवाई की गुहार लगाई, मगर पुलिस ने न तो इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की और ना ही घायल फार्मासिस्ट का मेडिकल कराया। इधर इस घटना को लेकर आक्रोशित चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने गुरु वार को कार्य बहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इससे मरीज परेशान रहे।
इस मामले में अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त संगठन समिति की ओर से जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नौ सितंबर को रात्रि को जिला अस्पताल में डॉ. सौरभ पांगती और संविदा फार्मासिस्ट गोपाल सिंह बिष्ट ड्यूटी पर थे। इसी दौरान टकाड़ी निवासी युवक खड़क सिंह कुंवर शराब के नशे में आपातकालीन कक्ष में पहुंचा और मरीज के बारे में पूछा। ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने उसे भर्ती मरीज के बारे में बताया और कक्ष संख्या नौ तक पहुंचाया। वह मरीज के पास न जाकर ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के साथ अभद्रता करने लगा। काफी समझाने के बाद भी जब नहीं माना तो इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इस पर खड़क सिंह अगले दिन फिर जिला अस्पताल पहुंचा और वहां तैनात संविदा फार्मासिस्ट संजय बोरा के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद वह दूसरे संविदा फार्मासिस्ट गोपाल सिंह बिष्ट का पता पूछने लगा। संजय बोरा को अपने साथ बाइक में बैठाकर वह गोपाल बिष्ट के कमरे में पहुंचा। वहां पहुंचते ही गोपाल बिष्ट के साथ भी मारपीट की और फिर उसका अपहरण कर अज्ञात स्थान पर ले जाकर साथियों के साथ मिलकर उसे जमकर पीटा। फार्मासिस्ट गोपाल बिष्ट उनके चंगुल से बच कर सीधे कोतवाली पहुंचा। उसने पुलिस को सारी घटना बताई। फार्मासिस्ट की शिकायत पर न तो रिपोर्ट दर्ज की गई और न ही उसका मेडिकल कराया गया।
इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका को लेकर अधिकारी एवं कर्मचारियों में व्याप्त है। जिसे लेकर चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों आपात बैठक हुई। सभी का कहना था कि इस तरह की घटनाओं से सभी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अराजक तत्वों द्वारा अस्पताल में आकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिए जाने से आपातकालीन सेवाओं को सुचारु रख पाने में उन्होंने असमर्थता जताई। दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और अस्पताल में नियमित सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उन्होंने गुरुवार को कार्य बहिष्कार किया। जिससे जिला अस्तपाल में आए रोगी परेशान रहे। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोगियों की संख्या रोज छह सौ से ऊपर जा रही है। सारे वार्ड रोगियों से भरे पड़े हैं। सौ बैड वाले अस्पताल में 156 रोगी भर्ती हैं।
चिकित्सा कर्मियों ने किया प्रदर्शन, जुलूस के साथ पहुंचे कोतवाली
अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त संगठन के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए जिला अस्पताल के सम्मुख प्रदर्शन किया। अराजक तत्वों की गिरफ्तारी और जिला अस्पताल में चौबीस घंटे सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर वह जुलूस के साथ कोतवाली पहुंचे। वह भी चिकित्सा कर्मियों ने प्रदर्शन किया और अराजक तत्वों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने चौबीस घंटे सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने पर आपातकालीन सेवा को सुचारु रख पाने में असमर्थता जताई।
एसडीएम पहुंचे, सीएमएस से हुई वार्ता
चिकित्सा कर्मियों के कार्य बहिष्कार के बाद स्थिति का जायजा लेने एसडीएम तुषार सैनी अस्पताल पहुंचे। जहां पर उन्होंने सीएमएस डॉ. निर्मला पुनेठा से बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस मामले में दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इधर गुरुवार को कर्मी कार्य बहिष्कार पर डटे रहे केवल आपातकालीन सेवा जारी रही।