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uttarakhand by elections : उत्तराखंड में द्वाराहाट को छोड़़ किसी उप चुनाव में सत्ता को नहीं मिली चुनौती

uttarakhand by elections उत्तराखंड के उपचुनावों में जनता का समर्थन राज्य की सत्ता में काबिज दल को ही मिला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पांचों लोकसभा सीट जीती थी। मगर एक साल के भीतर धारचूला सोमेश्वर डोईवाला और भगवानपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस विजयी रही।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 May 2022 06:05 AM (IST)Updated: Thu, 12 May 2022 06:05 AM (IST)
uttarakhand by elections : उत्तराखंड में द्वाराहाट को छोड़़ किसी उप चुनाव में सत्ता को नहीं मिली चुनौती
uttarakhand by elections : राज्य गठन के बाद हुए 14 उपचुनाव में जिसकी सरकार उपचुनाव भी वही जीता

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : uttarakhand by elections : उत्तराखंड का सियासी मिजाज कई मामलों में और राज्यों से अलग है। उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में उप चुनाव के दौरान विपक्ष कई बार सत्ता को मात दे चुका है। लेकिन उत्तराखंड गठन के बाद से आज तक 14 उप चुनाव हुए हैं। इसमें से 13 बार सत्ता पक्ष के हाथ ही बाजी रही है।

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एनडी तिवारी से लेकर पिछली सरकार में भी यही स्थिति थी। सिर्फ 2004 में द्वाराहाट सीट पर सत्ता को मात खानी पड़ी। तब द्वाराहाट से यूकेडी के पुष्पेश त्रिपाठी ने चुनाव जीता था। फिलहाल चम्पावत से उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में उतरे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी से हैं।

उत्तराखंड के उपचुनावों का परिणाम बताता है जनता का समर्थन राज्य की सत्ता में काबिज दल को ही मिला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पांचों लोकसभा सीट जीती थी। मगर एक साल के भीतर धारचूला, सोमेश्वर, डोईवाला और भगवानपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस विजयी रही।

तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की पांचों सीट हारी थी। मगर कुछ माह बाद विकासनगर और कपकोट के उपचुनाव को आसानी से जीत लिया। उस समय राज्य की सत्ता बीजेपी के हाथों में थी।

सत्ता की जीत का मिथक राज्य गठन के बाद सिर्फ द्वाराहाट में टूटा है। तब यूकेडी के थिंक टैंक माने जाने वाले बिपिन चंद्र त्रिपाठी के निधन के बाद द्वाराहाट में हुए चुनाव में उनके बेटे पुष्पेश त्रिपाठी जीते थे। राज्य की कमान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. एनडी तिवारी के हाथों में थी।

हालांकि, पार्टी फैक्टर की बजाय स्व. बिपिन त्रिपाठी के सियासी कद और उत्तराखंड आंदोलन में निभाई अहम भूमिका को इसका श्रेय ज्यादा जाता है। अब देखना यह है कि चम्पावत उपचुनाव में मुकाबला पहले की तरह एकतरफा होगा या विपक्ष 2004 के करिश्मे को दोहरा पाएगा।

उत्तराखंड बनने के बाद उपचुनावों पर नजर

वर्ष       सीट         विजेता पार्टी

2002  रामनगर    एनडी तिवारी कांग्रेस

2004 द्वाराहाट    पुष्पेश त्रिपाठी यूकेडी

2005 कोटद्वार     सुरेंद्र नेगी कांग्रेस

2007 धूमाकोट    बीसी खंडूरी भाजपा

2009 कपकोट    शेर सिंह गढिय़ा भाजपा

2009 विकासनगर कुलदीप कुमार भाजपा

2012 सितारगंज    विजय बहुगुणा कांग्रेस

2014 डोईवाला      हीरा सिंह बिष्ट कांगे्रेस

2014 धारचूला      हरीश रावत कांग्रेस

2014 सोमेश्वर     रेखा आर्य कांग्रेस

2015 भगवानपुर   ममता राकेश कांग्रेस

2018 थराली        मुन्नी देवी भाजपा

2019 पिथौरागढ़   चंद्रा पंत भाजपा

2021 सल्ट महेश  जीना भाजपा

चार लोग मुख्यमंत्री बनने को लड़े

रामनगर से एनडी तिवारी, धूमाकोट से भुवन चंद्र खंडूरी, सितारगंज से विजय बहुगुणा और धारचूला से हरीश रावत ने मुख्यमंत्री की सीट के लिए उपचुनाव लड़ा था। सीएम पुष्कर सिंह धामी इस लिस्ट में पांचवां नाम है। बहुगुणा अब भाजपा में है। वहीं, 2014 में कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव के जरिये पहली बार विधानसभा पहुंचने वाली रेखा आर्य 2016 में भाजपा में शामिल हो गई थी। उसके बाद से वह लगातार दूसरी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनी।


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