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नैनीताल पालिका के सामने फिर खड़ी हुई कर्मचारियों को वेतन और बोनस देने की चुनौती

बीते माह शासन से मिली ग्रांट और पार्किंग ठेके से जुटाई राशि से किसी तरह कर्मियों के लंबित तीन माह का वेतन और पेंशन का भुगतान तो कर दिया गया लेकिन दीवाली नजदीक होने के साथ ही अक्टूबर माह खत्म होने को है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 12:03 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 01:30 PM (IST)
नैनीताल पालिका के सामने फिर खड़ी हुई कर्मचारियों को वेतन और बोनस देने की चुनौती
नैनीताल पालिका के सामने फिर खड़ी हुई कर्मचारियों को वेतन और बोनस देने की चुनौती

नैनीताल, जेएनएन : वित्तीय संकट से जूझ रहे पालिका की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बीते माह शासन से मिली ग्रांट और पार्किंग ठेके से जुटाई राशि से किसी तरह कर्मियों के लंबित तीन माह का वेतन और पेंशन का भुगतान तो कर दिया गया, लेकिन दीवाली नजदीक होने के साथ ही अक्टूबर माह खत्म होने को है। जिससे एक बार फिर पालिका के लिए बजट जुटाना चुनौती बना हुआ है। बजट नहीं होने से दिवाली पर बोनस और वेतन की आस लगाए बैठे कर्मचारियों को निराश भी होना पड़ सकता है। कर्मियों ने ऐलान भी कर दिया है कि यदि वेतन और बोनस भुगतान नहीं किया गया तो कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज किया जाएगा।

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बता दें कि संसाधनों से परिपूर्ण होने के बावजूद पालिका आए जुटाने में नाकाम साबित हो रही है। कर निर्धारण में पिछड़ने के साथ ही लगाए जा रहे करो की वसूली भी ठीक से नहीं हो पा रही है। इसके अलावा स्वीकृत पदों के सापेक्ष अतिरिक्त संविदा कर्मियों की नियुक्ति होने से उनके मानदेय में खर्च होने वाली धनराशि भी अतिरिक्त भार डाल रही है। पालिका को हर माह राज्य वित्त से करीब सवा करोड़ रूपए कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए दिए जाते हैं। जबकि वेतन पेंशन और संविदा आउटसोर्स कर्मियों के भुगतानो को मिलाकर करीब एक करोड़ 70 लाख का खर्च पालिका को करना पड़ता है। कोरोना काल में आय के अन्य संसाधन ठप हुए तो पालिका कर्मियों को वेतन नहीं दे पाई।

तीन माह का वेतन और पेंशन लंबित होने से कर्मियों ने विरोध में कार्यबहिष्कार कर दिया। राज्य वित्त और पार्किंग के ठेके से किसी तरह आय जुटाने के बाद भुगतान कर कर्मियों का कार्य बहिष्कार खत्म किया गया। अब एक और माह खत्म होने को है जिससे फिर वेतन और पेंशन के लिए राशि जुटा पाना पालिका के लिए चुनौती बना हुआ है। साथ ही दीवाली पर कर्मचारी बोनस की भी मांग कर रहे है। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने ऐलान किया है कि 10 नवंबर तक यदि उन्हें वेतन और बोनस का भुगतान नहीं किया गया तो वह फिर से कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे। इधर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी का कहना है कि राज्य वित्त से मिलने वाली ग्रांट के साथ ही कर वसूली में तेजी लाई जा रही है। बजट मिलते ही कर्मियों को वेतन और बोनस का भुगतान किया जाएगा।


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