amitabh bachhan 77 birthday शेरवुड में बिग बी के बर्थडे पर मना जश्न, यहीं शुरू हुई थी अभिनय की पाठशाला
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिन शेरवुड कॉलेज में हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान केक काटा गया और गिरिजाघर में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
नैनीताल, जेएनएन : बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिन शेरवुड कॉलेज में हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान केक काटा गया और गिरिजाघर में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित कर उनके दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना की गई। अमिताभ की बुनियादी शिक्षा यहां के प्रतिष्ठित शेरवुड कॉलेज से ही हुई है। यहां से सीनियर सेकेंडरी पास मेगास्टार के अभिनय की बुनियाद इसी विद्यालय में पड़ी थी। बिग बी ने इस विद्यालय में दो साल (1958-1959) अध्ययन किया था।
करोडों भारतीय के दिलों पर राज करने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन 2008 में पत्नी जया बच्चन, बेटे अभिषेक बच्चन, बहू ऐश्वर्या बच्चन व पारिवारिक दोस्त अमर सिंह के साथ नैनीताल आए थे। कॉलेज की ओर से उनके शिक्षा ग्रहण करने के 50 साल पूरे होने पर खास तौर पर वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। तब वह तीन दिन तक नैनीताल में ठहरे और पूरे समय वार्षिकोत्सव के कार्यक्रमों का लुत्फ उठाया था। साथ ही कार्यक्रमों के विजेताओं को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किए थे। तब बिग बी ने कहा था कि आज वह जिस मुकाम पर हैं, उसका श्रेय शेरवुड कॉलेज की शिक्षा व अनुशासन को जाता है। अमिताभ ने स्वच्छता अभियान के तहत आयोजित न्यूज चैनल के कार्यक्रम में तथा हालिया कौन बनेगा करोड़पति में साफगोई से नैनीताल की स्कूली शिक्षा के दौरान के अनुभव भी दर्शकों के साथ साझा किए।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन एक बार विद्यालय के दिनों में तो दूसरी बार उन्हीं पलों को याद कर अब रोए। अमिताभ बच्चन का शेरवुड कॉलेज के साथ रिश्ता दिल की गहराइयों से रहा है। यही वजह है कि अपने जन्मदिन पर जब शेरवुड कॉलेज के विद्यार्थियों ने उन्हें केक काटने का वीडियो भेजा तो वह भावुक हो गए। महानायक ने सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा इसी विद्यालय से हासिल की।
पिता हरिवंश राय बच्चन ने बिग बी को दी थी ये सीख
अमिताभ बेशक ने 1956 में शेरवुड कॉलेज में प्रवेश लिया। यहां होने वाले वार्षिक नाटक में उन्होंने दमदार अभिनय के बल पर कॉक हाउस सर्वश्रेष्ठ ट्रॉफी का अवार्ड जीता, लेकिन इसके अगले ही वर्ष वह वार्षिक नाटक में भाग लेने से वंचित रह गए। उन्हें चिकन पॉक्स हो गया था। यह वाक्या चार जून 1957 का है। तब विद्यालय के सभी विद्यार्थी शाम के समय मिलमन हाउस के ऑडिटोरियम में वार्षिक नाटक का आनंद उठा रहे थे और विद्यालय के अस्पताल में अकेले बैठे अमिताभ की मन की पीड़ा आंखें बयां कर रही थीं। तभी उनके पिता व कवि हरिवंश राय बच्चन पहुंच गए। उन्होंने पुत्र के व्यथित मन को पढ़ा और यह कविता सुनाई थी..मन का हो तो अच्छा, ना हो तो ज्यादा अच्छा। इस कविता ने उनके मन को किस कदर राहत पहुंचाई होगी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह इस कविता का जिक्र अक्सर किया करते हैं। इधर उनके जन्मदिन के मौके पर शेरवुड के बच्चों ने केक काटकर इसका वीडियो अमिताभ बच्चन को भेजा तो उसे देखकर वह बेहद भावुक हो गए।
शेरवुड में सीखा एंग्री एंग मैन का पाठ, जीता अवार्ड
फिल्मी पर्दे पर विलेन को एक घूंसे में चित करने वाले महानायक ने एंग्री एंग मैन का पाठ शेरवुड कॉलेज से ही सीखा है। शेरवुड कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह कलाकार के साथ मजे हुए मुक्केबाज रहे। विद्यालय में होने वाली इंटर हाउस मुक्केबाजी प्रतियोगिता में उन्होंने मोस्ट साइंस्टिफिक मुक्केबाज का खिताब जीता था।
नहीं भूले केनिंग रूम को
2008 में अमिताभ बच्चन शेरवुड कॉलेज आए थे तो सबसे पहले केनिंग रूम के बारे में विद्यालय के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू से पूछा था। केनिंग रूम विद्यालय में शरारत करने वाले बच्चों को सजा देने के लिए बना था। पढ़ाई के दौरान उनको भी काफी सजा मिली है।