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दोस्तों को उपहार देकर मनाया फ्रेंडशिप डे

अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने वाले फ्रेंडशिप डे शहर में भी क्रेज दिखा। वहीे लोगों ने सेलिब्रेट किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 12:51 AM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 06:39 AM (IST)
दोस्तों को उपहार देकर मनाया फ्रेंडशिप डे
दोस्तों को उपहार देकर मनाया फ्रेंडशिप डे

जागरण संवाददाता हल्द्वानी : अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने वाले फ्रेंडशिप डे शहर में भी क्रेज दिखा। रविवार को युवाओं ने इस दिन को अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट किया। किसी ने अपने दोस्त को फूल दिया तो किसी ने फ्रेंडशिप बैंड बांधकर और उपहार देकर इस दिवस को यादगार बनाया।

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बाजार भी दोस्तों को लुभा रहा था। दुकानों में तरह-तरह के उपहार सजे हुए थे। ऐसे में गिफ्ट सेंटरों में युवाओं को भीड़ रही। वे अपने दोस्त की पसंद के उपहार खरीदते हुए नजर आए। तरह-तरह के आकर्षक बैंड से लेकर अलग लिखावट में बिक रहे बैंड के प्रति युवाओं का अधिक आकर्षण दिख रहा था। दुकानदार परमजीत सिंह ने बताया कि फ्रेंडशिप डे पर ग्राहकों की भीड़ सुबह से ही दुकानों पर पहुंच रही थी। इस बार फ्रेंडशिप बैंड के साथ गोल्ड रोज, ग्लास टर्टल की मांग ज्यादा रही। फ्रेंडशिप बैंड की कीमत 10 से 25 रुपये, गोल्ड रोज 120 व ग्लास टर्टल 60 रुपये में थी।

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परीक्षा में कराई थी मदद

मेरे स्कूल की परीक्षा नजदीक थी, इस बीच अचानक मेरी तबीयत खराब हो जाने से मुझे काफी दिनों तक अवकाश लेकर घर पर ही रहना पड़ा। मेरा किसी भी विषय का कोई भी असाइनमेंट पूरा नहीं था। लेकिन मेरा बचपन के दोस्त प्रकाश बिष्ट रोजाना कॉलेज अटेंड करता और फिर मेरे घर आकर मेरे सारे असाइनमेंट पूरा करता था। उसकी मदद से मैने परीक्षा दी और अच्छे नंबर से पास भी हुआ। उसे मैं कभी नहीं भूल सकता है। आज भी हम दोनों की दोस्ती बरकरार है।

-दीपक, हल्द्वानी

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विषम परिस्थिति में दिया था साथ

घर का एकलौता होने से अपनी पढ़ाई के साथ घर के सारे काम मुझे ही करने पढ़ते थे, जो कभी-कभी काफी परेशानी देता था। मम्मी की तबीयत भी हमेशा खराब रहती है। कुछ साल पहले मम्मी की ज्यादा तबीयत बिगड़ने से उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। उन दिनों मेरा दोस्त तबरेज आलम, जिससे मेरी दोस्ती कक्षा सात में हुई थी, उसने पूरे एक माह तक अपने सारे काम व कॉलेज छोड़कर मेरी मम्मी की सेवा की। करीब 15 दिनों तक उसने अपना घर छोड़कर मेरे घर के सारे कामों में भी मेरी मदद की थी। मैं चाहता हूं ऐसे दोस्त सभी को मिलें।

-नीरज नेगी, व्यवसायी हल्द्वानी


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