बच्चों और किताबों में दूरी मिटाने को सीबीएसई की अच्छी पहल
सीबीएसई बच्चों में रीडिंग हैबिट बढ़ाने के लिए लिए तरह-तरह के इनीशिएटिव करता रहता है। इस क्रम में अब वह 9 से 15 सितंबर के बीच रीडिंग वीक सेलिब्रेट करने जा रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बदलते दौर में किताबें पढ़ने का माहौल कम हो गया है। अब बच्चे किताबों से ज्यादा वक्त मोबाइल फोन और लैपटॉप पर बिताते हैं। इससे न सिर्फ उनकी इमेजिनेशन पावर कमजोर हो रही है, बल्कि मोबाइल स्क्रीन का ओवर एक्सपोजर आंखों को भी खराब कर रहा है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) बच्चों में रीडिंग हैबिट बढ़ाने के लिए लिए तरह-तरह के इनीशिएटिव करता रहता है। इस क्रम में अब वह 9 से 15 सितंबर के बीच रीडिंग वीक सेलिब्रेट करने जा रहा है। सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों में तरह-तरह की एक्टिविटीज की जाएंगी, जिसमें बच्चे अलग-अलग ढंग से किताबों से जुड़ सकेंगे। सीबीएसई ने स्कूलों को कुछ एक्टिविटीज का सुझाव भी दिया है, ताकि रीडिंग वीक के नाम पर प्रार्थना सभा में रोज एक कहानी पढ़ देने के साथ महज खानापूर्ति न होने पाए। इंस्प्रेशन स्कूल के प्रधानाचार्य अनुराग माथुर कहते हैं कि सीबीएसई के प्रयास में बच्चों किताबों से जुड़ाव महसूस करेंगे।
इस तरह की होंगी गतिविधि
-रीडिंग ऑवर सेशन आयोजित होगा, जिसमें किसी ऑथर का लेक्चर आयोजित कर सकते हैं।
-क्लासरूम रीडिंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। हर क्लास में उस उम्र के बच्चों के हिसाब से लाइब्रेरी बनेंगी, जिसमें बच्चों की किताबें हों।
-लंच बेंच बडीज बनाए जाएंगे, जिसमें स्टूडेंट्स लंच के समय क्लासरूम में या किसी दूसरे शांत एरिया में साथ बैठकर किताबों पर बात कर सकें।
-लिटफेस्ट किया जाएगा। यह लिट्रेचर फेस्टिवल होगा, जिसमें अलग-अलग किरदार एक-दूसरे से इंटरैक्ट होंगे। -रीडिंग अपॉइंटमेंट ऐट माय चाइल्ड्स स्कूल होगा। इसमें इच्छुक अभिभावक स्कूल में आकर मिस्ट्री रीडर बनेंगे।
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