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पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा विधायकों के खरीद-फरोख्‍त मामले में सीबीआई ने जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों को कथित खरीद फरोख्त से संबंधित मामले में सीबीआई की हाईकोर्ट में दाखिल प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 09:52 AM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 09:52 AM (IST)
पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा विधायकों के खरीद-फरोख्‍त मामले में सीबीआई ने जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी
पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा विधायकों के खरीद-फरोख्‍त मामले में सीबीआई ने जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी

नैनीताल, जेएनएन : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों के कथित खरीद फरोख्त से संबंधित मामले में सीबीआई की हाईकोर्ट में दाखिल प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है। जांच एजेंसी ने स्टिंग मामले की प्रारंभिक जांच पूरी कर सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करते हुए आगे की जांच के लिए अनुमति मांगी है। सीबीआई के इस रुख के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट कर विरोधियों पर सियासी वार किया है। उन्होंने कहा है कि कुछ ताकतें मुझे मिटा देना चाहती हैं, मैं मिटूंगा अवश्य परंतु उत्तराखंडी गंगलोड़ (पहाड़ के नदी गाड़ गधेरों के पानी में घिसकर बने पत्थर को कहते हैं) की तरह लुढ़कते घिसते-घिसते इस मिट्टी में मिल जाऊंगा, पर टूटूंगा नहीं।
दरअसल मार्च 2016 में कांग्रेस के नौ विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर दी थी। एक न्यूज चैनल की ओर से दिल्ली में विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित सीएम रावत की कथित बातचीत का स्टिंग जारी किया तो सियासी हंगामा खड़ा हो गया। तत्कालीन राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने इसी स्टिंग आदि के आधार पर केंद्र सरकार को मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति भेज दी। इस बीच केंद्र सरकार ने राज्य में धारा 356 का उपयोग करते हुए कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दिया। इस फैसले के खिलाफ बर्खास्त मुख्यमंत्री हरीश रावत व वरिष्ठ मंत्री इंदिरा हृदयेश द्वारा याचिका दायर कर चुनौती दी। पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने रावत सरकार की बर्खास्तगी को गलत ठहराया तो फिर सुप्रीम कोर्ट से रावत सरकार बहाल हो गई। इसी बीच मंत्रिमंडल ने स्टिंग मामले की जांच सीबीआई के बजाय एसआईटी से करने का निर्णय लिया तो तब तब बागी नेता व वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के फैसले को चुनौती दी। याचिका में कहा था कि जब एक बार राज्यपाल स्टिंग मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति केंद्र को कर चुके हैं तो उस फैसले को वापस नहीं लिया जा सकता।
इधर, हाल ही में सीबीआई ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया है कि स्टिंग मामले की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है। जांच एजेंसी ने सीलबंद प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल कर आगे की जांच के लिए अनुमति देने की प्रार्थना की है। कोर्ट ने  मामले में सुनवाई करते हुए अगली तिथि 20सितंबर नियत की है। यहां उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि बिना कोर्ट की अनुमति के सीबीआई हरीश रावत को गिरफ्तार नहीं कर सकती। कोर्ट ने गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई है।

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