फर्जी एडमिशन दिखाकर गटक लिए थे 20 लाख स्कॉलरशिप, एसआइटी ने दर्ज कराया मुकदमा
एसआइटी की दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में 28 छात्रों के नाम पर 20.63 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हो गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : एसआइटी की दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में 28 छात्रों के नाम पर 20.63 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हो गई है। मामले में एसआईटी ने भीमताल थाने में वर्ष 2014-15 में हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी के उपनिबंधक, बिचौलिए और इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा हापुड़ के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।
उच्च न्यायालय ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने के आदेश दिए थे। मुख्यालय के आदेश पर एसएसपी नैनीताल सुनील कुमार मीणा ने एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में 12 दारोगाओं की टीम का गठन कर जांच कराई। टीम ने वर्ष 2011-12 से वितरित छात्रवृत्ति का विवरण समाज कल्याण विभाग से लिया। 150 सरकारी और संस्थागत इंटर कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों के 1800 छात्रों का सत्यापन किया। प्रदेश के बाहर के 62 शिक्षण संस्थानों को भी जांच के दायरे में लाया गया। जांच में पता चला कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी को जिला समाज कल्याण अधिकारी नैनीताल के कार्यालय से 28 छात्रों की छात्रवृत्ति कुल 20,63900 रुपये चेक से जारी किए गए थे। एसआईटी ने इन छात्रवृत्ति के लाभार्थियों की सूची का भौतिक सत्यापन किया। उससे पता चला कि किसी भी लाभार्थी ने इस यूनिवर्सिटी में कभी पढ़ाई ही नहीं की और ना ही छात्रवृत्ति ली। कुछ छात्रों ने बताया कि दो लड़कों ने वर्ष 2014 में उनके पास आकर मोनाड यूनिवर्सिटी से डिग्री और छात्रवृत्ति दिलाने का आश्वासन देकर शैक्षिक अभिलेख ले लिए थे। इसके बाद यूनिवर्सिटी के उपनिबंधक और बिचौलियों के माध्यम से नैनीताल के रामनगर, कालाढूंगी, लामाचौड़, दमुवाढूंगा के छात्रों का डाटा लिया गया। उनकी जांच में पता चला कि 28 छात्रों का यूनिवर्सिटी में फर्जी दाखिला दिखाकर जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय नैनीताल से 20.63 लाख रुपये ले लिए गए।
एसएसपी ने बताया कि एसआइटी की जांच के बाद दारोगा दान सिंह मेहता की ओर से भीमताल थाने में 2014-15 में उपनिबंधक मोनाड यूनिवर्सिटी, उनके बिचौलिए और इंडियन ओवरसीज बैंक हापुड़ के कर्मचारियों और अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।