सितारगंज केन्द्रीय कारागार के बंदी रक्षक कैदी की पत्नी से करते थे अश्लील बातें, चार पर केस दर्ज
रुद्रपुर की महिला ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार को शिकायती पत्र भेजा था। पत्र में महिला ने केंद्रीय कारागार में डयूटी करने वाले बंदी रक्षक/कारागारकर्मी प्रभु सिंह अश्विनी शर्मा पंकज नागियान व दुष्यंत सिंह पर कई आपत्तिजनक आरोप लगाए गए हैं।
सितारगंज, जागरण संवाददाता : ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज में स्थित केन्द्रीय कारागार हमेशा किसी न किसी कारणों से सुर्खियों में रहता रहा है। इस बार मामला और सनसनीखेज है। कारण हैं वहीं के चार बंदीरक्षक। बंदीरक्षकों पर आरोप है कि वे कैदियों पर दबाव बनाकर उनके घर की महिलाओं के नंबर लेते हैं अैर उनसे अश्लील बातें करतें हैं। इतना ही नहीं वे बंदियों को जेल में ब्लूटूथ, नशीले पदार्थ समेत अन्य सामान देने के एवज में पैसों की सौदेबाजी करने के साथ ही पैसे अकाउंट में मांगते हैं।
रुद्रपुर की महिला ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार को शिकायती पत्र भेजा था। पत्र में महिला ने केंद्रीय कारागार में डयूटी करने वाले बंदी रक्षक/कारागारकर्मी प्रभु सिंह, अश्विनी शर्मा, पंकज नागियान व दुष्यंत सिंह पर कई आपत्तिजनक आरोप लगाए गए हैं। आरोप हैं कि आरोपित बंदी रक्षक बंदियों की घर की महिलाओं के फोन नंबर लेकर उनसे अश्लील बातें कर रहे हैं। वे बंदियों को जेल में ब्लूटूथ, नशीले पदार्थ देने के एवज में पैसों की सौदेबाजी करने व पैसे अकाउंट में मांगते हैं।
डीजीपी ने शुक्रवार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीओ सुरजीत कुमार को जांच करने व एसओजी से भी प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए थे। कोतवाल सलाहउद्दीन ने बताया कि डीजीपी के आदेश पर चारों बंदी रक्षकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाली की महिला दरोगा जूली राणा को विवेचना सौंपी गई है। कहा कि जांच के बाद आरोपी बंदी रक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वही बंदी रक्षकों पर लगे आरोपों को लेकर जेल अधीक्षक दधिराम मौर्य ने बंदियों पर लगे आरोपों पर विभागीय स्तर से भी जांच किए जाने की बात कही।
एसएसपी दलीप सिंह कुवंर ने बताया कि शिकायतकर्ता की ओर से चार बंदी रक्षकों द्वारा बदसलूकी करने, गलत ढंग से बात करने तथा पैसे मांगने की शिकायत पर चारों बंदी रक्षकों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। विभागीय जांच कर कार्रवाई की जा रही है।