झूठा हलफनामा देना पड़ा महंगा, होगी कार्रवार्इ
हार्इकोर्ट में झूठा हलफनामा देना एक बाबू को महंगा पड़ गया। उसके खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज हो गया है।
नैनीताल, [जेएनएन]: साल 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान घोड़े खच्चर से संबंधित फर्जी भुगतान और सरकारी धन करीब आठ लाख गबन के मामले में जेल में बंद बाबू के पक्ष में उसके रिश्तेदार द्वारा झूठा हलफनामा हाईकोर्ट में देना महंगा पड़ गया। हलफनामे में बाबू को मानसिक तौर पर बीमार होने का तथ्य देते हुए जमानत मांगी थी, हाइकोर्ट के आदेश पर बाबू की मेडिकल जांच कराई तो वह सौ फीसद स्वस्थ निकला।
अब हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल नरेंद्र दत्त द्वारा मल्लीताल कोतवाली में झूठा हलफनामा देने वाले पैरोकार के खिलाफ धारा 420 और 468 आइपीसी के तहत केस दर्ज कराया है। पिछले दिनों सीएमओ की रिपोर्ट मिलने के बाद हाईकोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने पैरोकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
कोतवाल विपिन पंत ने बताया कि रजिस्ट्रार जनरल की तहरीर पर देवीप्रसाद गोस्वामी पुत्र शंकरदत्त गोस्वामी निवासी सिलिसेरा, जिला रुद्रपयाग के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच एसएसआई बीसी मासीवाल को सौंपी गई है। देवीप्रसाद द्वारा लिपिक प्रकाश गोस्वामी के पक्ष में हलफनामा दिया गया था। देवीप्रसाद व प्रकाश रिश्तेदार हैं।
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