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कोचिंग सेंटर संचालकों को फोन मिलाया, जवाब आया- कल मिलेंगे

डीएम के आदेश पर कोचिंग सेंटरों में आग से बचाव के इंतजामों का निरीक्षण करने पहुंची टीम को बंद शटर दिखे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 06:27 AM (IST)
कोचिंग सेंटर संचालकों को फोन मिलाया, जवाब आया- कल मिलेंगे
कोचिंग सेंटर संचालकों को फोन मिलाया, जवाब आया- कल मिलेंगे

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: डीएम के आदेश पर कोचिंग सेंटरों में आग से बचाव के इंतजामों का निरीक्षण करने पहुंची टीम को सिर्फ बंद शटर दिखे। रविवार को अवकाश होने की वजह से सेंटर बंद थे। अफसरों ने बोर्ड पर लिखे नंबरों पर फोन किया तो अधिकांश ने कॉल रिसीव नही की। कुछ ने साफ कह दिया कि छुट्टी है, लिहाजा कल मिलेंगे। ढाई घंटे तक भटकने के बाद दमकल विभाग की टीम बैरंग लौट आई।

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गुजरात के सूरत में कोचिंग संस्थान की चार मंजिला इमारत में आग लगने पर कई छात्रों की मौत हो गई थी। भवन में अग्निकांड से सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। हल्द्वानी को कुमाऊं का प्रवेशद्वार व आर्थिक राजधानी कहा जाता है। बड़ी संख्या में यहां भी कोचिंग इंस्टीट्यूट है और महंगी फीस लेकर बच्चों को पढ़ाया जाता है। सूरत की घटना के बाद शनिवार शाम प्रशासन एकाएक जाग उठा। आनन-फानन में डीएम विनोद कुमार सुमन ने रविवार से चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए। कोचिंग संस्थानों के साथ ही डिपार्टमेंटल स्टोर की सुरक्षा भी जांची जानी थी। सुबह साढ़े छह बजे एफएसओ जगदीश मेहरा के नेतृत्व में टीम तिकोनिया, दुर्गा सिटी सेंटर, काठगोदाम व बीच में स्थित कोचिंग संस्थानों पर पहुंची। लेकिन सभी का शटर बंद मिला।

बीस से अधिक जगहों पर टीम मुआयने को पहुंची, मगर निराश होकर लौटना पड़ा। इस दौरान बोर्ड पर लिखे नंबरों पर फोन करने पर भी बात नहीं बनी। सुबह का वक्त होने की वजह से ज्यादातर ने फोन नहीं उठाया। जबकि कई ने सोमवार को निरीक्षण करने को कहा।

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जांच से प्रशासन गायब

डीएम ने रविवार को जारी किए आदेश में कहा था कि पुलिस के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी संयुक्त रूप से निरीक्षण में शामिल होंगे, पर पहले दिन ही प्रशासन के अफसर नदारद रहे। सिर्फ एफएसओ जगदीश मेहरा व तीन दमकलकर्मी मौजूद रहे।

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रिपोर्ट सीधे डीएम-एसएसपी को सौंपूंगा

एफएसओ जगदीश मेहरा ने कहा कि सोमवार सुबह से अभियान शुरू हो जाएगा। मौके पर जैसी भी स्थिति होगी, उसकी रिपोर्ट बनाकर तुंरत डीएम व एसएसपी को भेजी जाएगी।

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एनओसी की परवाह नहीं

मॉल, बड़े व्यावसायिक भवनों के स्वामियों को हर साल दमकल विभाग से एनओसी लेनी पड़ती है। सूत्रों की मानें तो बगैर निरीक्षण एनओसी जारी हो जाती है। क्योंकि अधिकांश मानक से बाहर हैं।


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