आर्थिक संकट से जूझ रहे बीएसएनएल कर्मचारियों को वेतन के लाले, एक्सचेंजों पर पड़ेंगे ताले
कभी देश की नवरत्न कंपनियों में शुमार रही सरकारी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अब बुरे दौर से गुजर रही है।
हल्द्वानी, गणेश पांडे : कभी देश की नवरत्न कंपनियों में शुमार रही सरकारी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अब बुरे दौर से गुजर रही है। कंपनी के कर्मचारी वेतन के लिए तरस रहे हैं, जबकि दूरभाष केंद्रों पर ताले लटकने की नौबत आ गई है।
बीएसएनएल की हालत देशभर में खस्ता है। नैनीताल दूरसंचार जिले (नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिला) की बात करें तो कांट्रेक्ट में कार्यरत डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारियों को आठ माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में कर्मचारियों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है। दूसरी तरफ, अधिकारी स्तर के स्टाफ को अगस्त का वेतन नहीं मिल पाया है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीम (वीआरएस) व रिटायरमेंट की उम्र कम करने को लेकर भी कर्मचारियों में भय का माहौल है। अधिकारियों में चर्चा है कि बीएसएनएल बोर्ड खर्च में कटौती के लिए रिटायरमेंट उम्र 60 से घटाकर 58 करने जा रहा है, जबकि 50 की उम्र वाले कर्मचारियों को वीआरएस ऑफर करने की बात कही जा रही है।
बिजली जाते ही बैठ जाते हैं एक्सचेंज
नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिले में बीएसएनएल के सौ से अधिक एक्सचेंज हैं। यहां वर्षों पहले लगी बैटरी अपनी लाइफ पूरी कर चुकी हैं। ऐसे में लाइट जाते ही एक्सचेंज ठप हो जाते हैं। सूत्रों की मानें तो डीजल की खपत घटाने के लिए कम उपभोक्ता वाले एक्सचेंज में जेनरेटर नहीं चलाए जाते हैं। ऐसे एक्सचेंजों पर बंदी का खतरा मंडरा रहा है।
जल्द डीएम से करेंगे मुलाकात
ललित प्रसाद, उप सचिव, बीएसएनएल कैजुअल एंड कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने बताया कि कांट्रेक्ट कर्मचारियों को आठ से दस माह से वेतन नहीं मिला है, जिससे कर्मचारी गंभीर आर्थिक संकट में हैं। संगठन के पदाधिकारी जल्द ही डीएम से मुलाकात करेंगे।
आय बढ़ाने का प्रयास जारी
आर्थिक संकट के बीच बीएसएनएल आमदनी बढ़ाने पर भी जोर दे रहा है। काशीपुर उपभोक्ता केंद्र में आधार सेवा केंद्र सुचारू हो गया है। जल्द ही हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन के सामने सेवा केंद्र में भी आधार सेवा केंद्र शुरू किए जाने की तैयारी है।
बजट को लेकर है संकट
महाप्रबंधक बीएसएनएल गणेश चंद्रा ने कहा कि बजट को लेकर थोड़ी बहुत परेशानी है, जिस कारण कांट्रेक्ट कर्मचारियों का वेतन अटका हुआ है। आय बढ़ाने के लिए बकाया वसूली पर ध्यान दिया जा रहा है। जल्द ही भुगतान किया जाएगा।
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